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दोस्तों आज हम आपको बता रहे हैं त्वचा का रंग गोरा किसके कारण होता है, दोस्तों मानव विभिन्न प्रकार के रंगों में आती है। जो गहरे भूरे रंग के रंगों से लेकर लगभग सफेद तक होते हैं मानव शरीर के त्वचा का रंग कई कारकों से प्रभावित होता है। लेकिन महत्वपूर्ण कारक मेलेनिन नामक वर्णक है। जिसके द्वारा त्वचा का रंग निर्धारित किया जाता है। यह विभिन्न रूप और अनुपात में आता है। मेलेनिन के दो रूपों को यूमेलानि और फोमलेनिन कहा जाता है
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दोस्तों आज के वर्तमान समय में गोरा रंग सभी को चाहिए होता है। क्या आप जानते हैं कि त्वचा का रंग गोरा या काला किसके कारण होता है यदि नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं। तो त्वचा का रंग गोरा या काला मेलेनिन के कारण होता है जब हमारे शरीर में मेलेनिन कम मात्रा में पाया जाता है तो त्वचा का रंग गोरा होता है और जब मेलेनिन की मात्रा हमारे शरीर में अधिक होती है तो त्वचा का रंग काला होता है। शरीर के सभी हिस्सों में मेलेनिन की मात्रा अलग- अलग होती है।
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क्या आप जानते हैं कि मनुष्य के त्वचा का रंग गोरा क्यों होता है इसके पीछे का कारण क्या हो सकता है आज हम आपको यहां पर बताएंगे। दोस्तों मेलेनिन नामक एक द्रव्य होता है जो त्वचा को प्राकृतिक रंग देने का काम करता है हमारी त्वचा मेलेनिन का उत्पादन कई रासायनिक क्रियाओं के बाद होता है सबसे खास बात यह होती है कि हर व्यक्ति के शरीर में मेलेनोसाइट की संख्या बराबर मात्रा में पाई जाती है लेकिन सभी के शरीर के अंदर एक स्तर काम मेलेनिन नहीं बनता। कुछ लोगों की त्वचा में मेलेनिन ज्यादा बनता है तो कुछ लोगों की त्वचा में कम बनता है इसी वजह से कोई व्यक्ति गोरा होता है तो कोई व्यक्ति काला।
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