जब बैंक लोन देता है तो आपके और बैंक के बीच भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 के तहत करार होता है कि आपने तय की गई तारीख में लोन लिए होंगे वही तारीख के अंदर राशि का भुगतान करना होता है । यदि परसनल लोन समय से ना चुकाने पर लोन आकउंट अनियमित हो जाता है और बैंक को पूरा अधिकार होता है कि आपने पैसे की वसूली के लिए कानून का सहारा ले सकता है।
यदि इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आता है तो बैंक अपने पैसो की वसूली के लिए अदालत में पेश करेगा जिसका सारा खर्च आपको उठाना पड़ सकता है।आपको इस बात का खास ध्यान देना होगा की ऋण का अनुबंध आपने तोडा है इसलिए बैंक आपके खिलाफ फैसला लेगा।
Loading image...