हर इंसान को अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है कोई भी इसमें साथ नहीं देता ।
जीवन को जितना आसान मानते हैं वास्तव में यह उतना आसान नहीं होता।
जब हम हंसते हैं तो कुछ लोग हमारे साथ हंसते हैं लेकिन जब रोते हैं तो साथ में कोई नहीं रोता।
शादी से पहले और शादी के बाद की जिंदगी में बहुत परिवर्तन आ जाता है, जो इंसान मां बाप के लिए शादी से पहले जैसा होता है जरूरी नहीं कि बाद में वैसा ही रहे
मैंने यह भी सीखा कि कई बार इंसान अपने ही माता-पिता के पक्षपात का शिकार हो जाता है जिसके बारे में बहुत कम लोग स्वीकार करेंगे।