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चलिए दोस्तों आज हम आपको बताते हैं की सेकंड हैंड स्ट्रेस क्या होता है। सेकंड हैंड स्ट्रेस का मतलब दूसरों का तनाव सहना होता है। आजकल व्यक्तियों के जीवन में ऐसी कई सारी समस्याएं हैं जिनके वजह से व्यक्ति तनाव में रहते हैं। किसी को नौकरी की चिंता रहती है तो किसी को पैसों की चिंता रहती है तो कोई अपने बच्चों से परेशान है तो कोई अपनी पत्नी से, तों कोई अपने पति से परेशान है, कोई अपनी बीमारियों से परेशान है इस कारण हर कोई व्यक्ति अपनी परेशानियों से जूझ रहा है और इन परेशानियों की वजह से व्यक्ति हर समय तनाव में रहता है।
लेकिन कभी-कभी जीवन में ऐसा तनाव आता है जिसकी वजह कोई दूसरा व्यक्ति होता है अर्थात जब हम किसी दूसरे व्यक्ति के वजह से तनाव में रहते हैं तो इसे ही सेकंड हैंड स्ट्रेट कहते हैं।
अक्सर सेकंड हैंड स्ट्रेस उन व्यक्तियों को होता है जो कामकाजी होते हैं मतलब जो व्यक्ति ऑफिस में कार्य करते हैं या किसी दूसरे के अंडर में काम करते हैं उन व्यक्तियों को सेकंड हैंड स्ट्रेस की समस्या ज्यादा होती है। क्योंकि ऐसे व्यक्ति अपने बारे में कम सोचते हैं और उन्हें ऑफिस के मालिक का डर ज्यादा रहता है। उन्हें यह डर रहता है कि कहीं हमसे कुछ काम गलत हो गया तो हमें डांट ना दे या हमें नौकरी से ना निकाल दे, इस डर की वजह से वह काम को लेकर तानाव में रहते हैं।
वहीं अगर आप जब किसी व्यक्ति से मिलते हैं तो वह आपसे दुख भरी बातें बताता है और उन बातों को सुनकर आप भी दुखी हो जाते हैं और उन दुखी बातों को लेकर आप तनाव में रहने लगते हैं इसे भी सेकंड हैंड स्ट्रेस कहते हैं।
चलिए हम आपको बताते हैं कि आप सेकंड हैंड स्टेट से कैसे छुटकारा पा सकते हैं।
आपको जिस भी व्यक्ति से तनाव रहता है आप उस व्यक्ति से दूरी बना लीजिए और यह सोच लीजिए कि वह दूसरों का तनाव है।
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