कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया को फाॅरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से अनैतिक तरीके से मंजूरी दिलावाने का आरोप है. इसी मामले में हाईकोर्ट ने चिदंबरम को बेल देने से इंकार कर दिया है और अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंदबरम के मामले को टाल दिया है.
यह मामला तब का है जब पी चिदंबरम डाॅ मनमोहन सिंह की सरकार में वित्त मंत्री थें. इस मंजूरी के बाद आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को वर्ष 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश मिला था. चिदंबरम पर नियम कानून को ताक पर रखकर इसे मंजूरी देने का आरोप लगाते हुए उन पर 15 मई 2017 को ईडी ने मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था.
आईएनएक्स मीडिया के संस्थापक इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखंर्जी पर इस घोटाले को अंजाम देने का आरोप है. इस साजिश में चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर भी शामिल होने का आरोप है. इंद्राणी मुखर्जी ने 2018 में सीबीआई के समक्ष यह बयान दिया था कि उन्होंने कार्ति के साथ मिलकर इस मामले में डील की थी, बस इसी बयान के बाद चिदंबरम का जाल में फंसना तय हो गया था.
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| Updated on August 21, 2019 | News-Current-Topics
पूर्व मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ क्या है INX Media केस?
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@sardarsimranjeet7312 | Posted on August 21, 2019
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