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मगरमच्छ एक ऐसा जानवर है जो लोहा खा जाता है लेकिन उनको लोहा भी हज़म हो जाता है, लोहे के छोटे -छोटे टुकड़े हो गये और लोहे की कील भी खा जाता है। क्योकि मगरमच्छ के जबड़े बहुत ही ज्यादा मजबूत होते है, इसलिए वह लोहे कों बिना चबाये सीधे जबड़े की मदद से लोहे कों चीर फाड़ कर निगल लेते है उनके गले मे भी लोहा नहीं फसता है।
मगरमच्छ का जीवनकाल लगभग 70से 80वर्ष तक होता है,मगरमच्छ के शरीर मे कभी पसीना नहीं आता है क्योकि मगरमच्छ के शरीर मे पसीने की ग्रंथि नहीं पायी जाती है जिस कारण से उनके शरीर मे पसीना नहीं आता है और मगरमच्छ का शरीर ठंडा होने के कारण उनका खून भी ठंडा होता है जिस वजह से उनके शरीर के किसी भी अंग मे पसीना नहीं आता है।
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आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि हमारे धरती पर एक ऐसा जीव पाया जाता है जिसका नाम है मगरमच्छ है जो की बहुत ही शक्तिशाली होता है दोस्तों मगरमच्छ लोहे की कीलों को खा लेता है और उसे आसानी से पचा भी लेता है। और उसके शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होता है। क्योंकि मगरमच्छ लोहे को चबाता नहीं है बल्कि उन्हें अपने जबड़ों के द्वारा निगल लेता है। ऐसे में लोहा उसके गले में फंसता भी नहीं है। दोस्तों मगरमच्छ 70 से 80 साल तक जीवित रहते हैं। मगरमच्छ पानी के अंदर पाए जाते हैं।
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