Loading image...आपकी राय सें सयुंक्त परिवार ज्यादा अच्छा हैं I क्योंकि सयुंक्त परिवार में रहने कुछ अलग ही मजा हैं क्योंकि सयुंक्त परिवार में एक मुखिया भी होता हैं I जो परिवार कि सारी जिम्मेदारी उठाता हैं औऱ उसकी राय सें ही सब कुछ चलता हैं I एक बात औऱ एकल या सयुंक्त परिवार चाहे कुछ भी हो लेक़िन कैसे रहना हैं वो आपके सोच औऱ व्यवहार पर निर्भर करता हैं I यहाँ आपकी सोच सें सब कुछ चलता है क्योंकि कुछ लोंग कि सोच औऱ व्यवहार कहता हैं कि हमे सयुंक्त परिवार रहना चाहिए , कुछ लोंग सोच औऱ व्यवहार कहता है कि एकल परिवार रहने सें खुशियाँ मिलती हैं, मेरी राय के अनुसार - सयुंक्त परिवार रहने सें हमें बहुत सारी खूबियां मिलती हैं, क्योंकि सयुंक्त परिवार रहने सें हमें सभी प्रेम मिलता हैं, सभी बड़ो का आशीर्वाद मिलता हैं I साथ मिल -जुलकर रहते हैं, सयुंक्त परिवार में सास -ससुर, देवर - देवरानी, जेठ -जेठनी, नानद, दादा -दादाजी सभी का प्यार मिलता हैं, औऱ खुशहाल जीवन जीते हैं, औऱ सयुंक्त परिवार रहने सें एक खूबियां यह है कि कोई परेशनी दिक्कत आने पे सबसे पहले घर के मुखिया ही सब देखते हैं I हमें कोई परेशनी सामना नहीं करना पड़ता क्योंकि घर में सब बड़े रहते है I
औऱ एकल परिवार रहनें कुछ फायदे औऱ नुकसान भी हैं आज के समय में इतनी महगाई होगयी कुछ लोंग घर का खर्चा नहीं उठा पाते कारण परिवार रहना पडता है I दूसरा कारण यह भी हैंकुछ महिला घऱ सें अलग एकल परिवार में रहना पसंद करती है क्योंकि उनकी खुद कि जरूरत पूरी नहीं हो पाती I एकल परिवार रहनें सें पति -पत्नी बच्चें सब खुखुश रहते हैं Iमां-बाप खुश नहीं रहते क्योंकि माँ -बाप कूछ आरमान होते हैं बच्चो कों लेके मेरे बच्चे हमारे बुढ़ापे का सहारा बनेगा I जिस तरह हमनेेेेे अपने बच्चों को पाल - पोषण करके बड़ा किया|