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केरल के इडुक्की जिले के शालोम हिल्स पर नीलकुरिंजी का फूल खिलता है,इस फूल की खासियत यह होती है कि यह फूल 12 साल में एक बार खिलता है। यह स्ट्रोबिलैंथेस की एक किस्म है। ये एक मोनोकार्पिक प्लांट है, यह एक बार मुरझाने के बाद दोबारा खिलने में 12 साल का समय लगा देता है।लेकिन यह फूल अगस्त के महीने से खिलना शुरू हो जाता है और अक्टूबर महीने तक खिलता है। इसके बाद नीलकुरिंजी का फूल फिर से मुरझा जाता है और फिर दोबारा फूल खिलने मे 12 साल का वक़्त लगा जाता है।
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केरल की खूबसूरत नीलगिरि पहाड़ियां हर 12 वर्ष में बेंगनी रूप ले लेती है और इसका प्रमुख कारण है नीलकुरिंजी फूल। इन फूलों की सुंदरता पर्यटकों कों खूब आकर्षित करती है। इस फूल की 40 प्रजातियाँ पाई जाती जिनमे से अधिकतर नीले रंग की होती है।इन फूलों के खिलने का समय अगस्त में शुरू होता है और अक्टूबर महिने तक यह फूल रहते हैं।वर्ष 2018 में इस फूल की झलकियां देख सकते हैं हम।
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क्या आपने कभी ऐसी बात सुनी है कि ऐसा कौन सा फूल है जो 12 साल में एक बार खिलता है जी हां दोस्तों यह बात बिल्कुल सही है कि एक ऐसा फूल भी है जो 12 साल में केवल एक बार ही खिलता है तो चलिए हम आपको बताते हैं कि उस फूल का नाम क्या है। उस फूल का नाम है नीलकुरिंजी। यह फूल केरल राज्य के मुन्नार में खिलता है। यह फूल देखने में इतना खूबसूरत होता है कि यह लोगों के मन को लुभा लेता है और अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।
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चलिए आज हम आपको एक ऐसे फूल के बारे में बता रहे हैं जो केवल 12 साल में एक बार ही खिलता है यह केरल के इडुक्की जिले के शालोम हिल्स पर पाया जाने वाला नीलकुरिंजी का फूल होता है जो 12 साल में केवल एक बार ही खिलता है यह एक मोनोकर्पिक प्लांट है जो केवल एक बार मुरझाने के बाद दोबारा यह नहीं खिलता केवल 12 साल का वक्त लेता है और 12 साल होने के बाद ही खिलता है.। यह केवल भारत देश में ही खिलता है इसके अलावा दुनिया के किसी भी देश में नहीं खिलता यह फूल देखने में काफी ज्यादा सुंदर होता है यह मनुष्य को अपनी ओर आकर्षित एवं भावुक बनाने वाला फूल है.।
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