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हमारे देश में प्राचीन काल से ही राजा अपने किले की रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे। इसके लिए वह सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात की कीमत भी नहीं समझता था और इन बेशकीमती रत्नों को लूट लेता था। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं। जिस पर चांदी के गोले दागे गए।
यह सुनकर आप चौंक गए होंगे लेकिन यह सच है। इस घटना के कारण यह इतिहास में अमर हो गया क्योंकि यहां जो घटना हुई वह न तो दुनिया में कहीं और हुई है और न ही कभी होगी, दरअसल हम बात कर रहे हैं राजस्थान में बने चुरू किले की।
इस किले का निर्माण वर्ष 1694 में ठाकुर कुशल सिंह ने करवाया था। इस किले के निर्माण के पीछे का मकसद राज्य के लोगों को आत्मरक्षा के साथ-साथ सुरक्षा प्रदान करना था। ये है वो किला, जहां गोला-बारूद खत्म होने पर दुश्मनों पर तोप से चांदी के गोले दागे गए।
यह इतिहास की एक बहुत ही आश्चर्यजनक घटना थी, जो वर्ष 1814 में घटी थी। उस समय इस किले पर ठाकुर कुशाल सिंह के वंशज ठाकुर शिवजी सिंह का शासन था। इस समय उनके पास 200 पैदल सेना और 200 घुड़सवार सैनिक थे, लेकिन युद्ध के दौरान सेना की संख्या अचानक बढ़ गई, क्योंकि यहां रहने वाले लोग अपने राजा के लिए कुछ भी करने को तैयार थे और इसलिए वे एक सैनिक की तरह थे।
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