लीली थॉमस के केस में सेक्शन 8 और सब सेक्शन 4 को स्ट्रकआउट कर दिया गया है तो राहुल गांधी की सदस्यता तो बिल्कुल जानी चाहिए क्योकि ये दोनों जो धाराएं हैं द पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट में लिखी गयी है कि 2 साल की सजा होने पर आरोपित को तुरंत प्रभाव से सदस्यता से मुक्त कर दिया जाएगा, कानून ये बताता है कि यदि अपर कोर्ट स्टे लगा देती है तो सजा को नहीं माना जाएगा है जब तक उस पर कोई फैसला नहीं हो जाता है, तो इसमें दाव-पेंच हो जाता है।
जहां तक सदस्यता जाने की बात रही है तो कानूनी तौर पर तो यह स्पष्ट है कि उसकी सदस्यता जा सकती है,लेकिन ये देखने की जरूरत है कि क्या जो लोअर कोर्ट का ऑर्डर आया है, उसे इनऑपरेटिव कर दिया जाये या नहीं मुझे लगता है कि उनकी सदस्यता जानी चाहिए,क्योंकि फिर तो क्रिमिनल सिस्टम का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, मान लिया कि आय दिन हमारे देश मे कोई न कोई आत्महत्या के केश होते रहते है और लोअर कोर्ट ओवर-टर्न कर देती है, तो सिस्टम तो ऐसे ही चलता रहेगा और कोर्ट गलती करता है तो दूसरा उसे सही करता है,इसके लिए राहुल गाँधी क़ो इतनी बड़ी यानि 2 साल की सजा नहीं होनी चाहिए।Loading image...