Occupation | पोस्ट किया
हिरण्यकश्यप को यह वरदान मिला था कि उसे ना तो कोई इंसान मर सकता है और ना कोई पशु उसका वध कर सकता हैऔर ना ही कोई रात, ना दिन मे मार सकता है,ना कोई अस्त ना शस्त्र ना कोई अंदर, ना कोई बाहर मार सकता है।उसको ऐसे विचित्र वरदान मिल गया जिस कारण से हिरण्यकश्यप को घमंड हो गया और वह सोचने लगा की मुझे कोई कोई नही मार सकता है। और इस घमंड के कारण पूरी पृथ्वी लोक मे राज करना चाहता था उसे यह वरदान भगवान विष्णु से मिला था लेकिन वह भगवान के खिलाफ ही जाकर भगवान की पूजा करने के लिये सबको मना किया लेकिन फिर भी लोग नहीं मनते तो उनको सजा देने की ठान लिया था।
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