- इस संसार में अनेकों रिश्ते विद्यमान हैं। और मानव जन्म से मृत्यु तक इन रिश्तो के साथ जुड़ा रहता है। भगवान के आशीर्वाद व माता-पिता के सहयोग से मानव का जन्म होता है। जन्म से उसे सबसे ज्यादा प्रेम अपने माता-पिता द्वारा ही मिलता है। और युवा होने पर उसे अपनी जीवनसाथी से प्यार मिलता है। फिर वहअपनी जीवनसाथी से मिलकर अपने सामान शिशु को जन्म देता है। और वृद्धावस्था में उसे अपनी संतान आदि से प्रेम मिलता है। जीवन की अलग-अलग अवस्था में उसे अलग-अलग रिश्तो के द्वारा प्रेम मिलता है। परंतु कोई भी रिश्ता उसके जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके साथ ही रहता। परंतु भगवान के साथ भक्ति का वह रिश्ता है जो मानव के साथ जन्म से लेकर मृत्यु तक रहता है। और यह रिश्ता सबसे ज्यादा पवित्र है।
इस संसार में सबसे पवित्र रिश्ता कौन सा है? क्यों?
@arjunkumar7099 | Posted on May 31, 2021
क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे पवित्र रिश्ता कौन सा है तो मैं आपको बताना चाहती हूं कि दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता मां-बाप और भाई-बहन का होता है क्योंकि जन्म से लेकर मृत्यु तक यह रिश्ता कभी नहीं टूटता है और हमेशा जुड़ा रहता है लेकिन इसके अलावा दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता होता है भगवान के साथ क्योंकि मां बाप के साथ तो रिश्ता जन्म से मृत्यु तक का होता है लेकिन भगवान का रिश्ता हृदय से होता है जो मृत्यु के बाद भी जुड़ा रहता है और यह रिश्ता कभी नहीं टूटता है इसलिए मेरा मानना है कि दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता है भगवान और मनुष्य का।
@setukushwaha4049 | Posted on November 22, 2022
इस संसार मे सबसे पवित्र रिश्ता माता -पिता का होता है क्योंकि माता -पिता आपने संतान से निस्वार्थ भावना से प्रेम करते है, माँ आपने संतान से कुछ नहीं चाहती है वह हमेशा आपने संतान का भला चाहती है। माँ को आपने संतान से कुछ मिले ना मिले लेकिन बदले मे संतान का प्रेम चाहती है भले ही माँ को संतान बुढ़ापे मे दो वक़्त की रोटी ना दे लेकिन वह आपने संतान की हर ख़ुशी के लिए अपना सब कुछ त्याग करने के लिए तैयार रहती है।
@meenakushwaha8364 | Posted on July 25, 2023
इस संसार मे सबसे पवित्र रिश्ता भाई -बहन का होता है, यदि बहन किसी मुसीबत मे होती है तो उसकी रक्षा के लिए भाई सबसे पहले आगे आता है। इसके अलावा हर एक सुख, दुःख मे भाई, बहन का साथ देता है और बहन की हर ख्वाहिश क़ो पूरा करने की जिम्मेदारी भाई की होती है, यहाँ तक बहन कोई गलती करती है तो उसकी सज़ा माता -पिता बहन क़ो देते है तो भाई अपनी बहन की सज़ा बदले मे भाई ले लेता है।