प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश और विदेश की यात्राओं को लेकर अक्सर चर्चा का बाज़ार गर्म रहता है। कभी खर्च को लेकर तो कभी किसी अन्य बात को लेकर वह इस मुद्दे को लेकर न सिर्फ चर्चा में रहते हैं बल्कि विपक्ष भी उनपर हमलावर रहता है। इन्ही सब खबरों, 2019 के चुनावी बिगुल और अन्य अटकलों के बीच अब राजनीतिक गलियारों में एक और प्रश्न चर्चा में है।
यह प्रश्न है कि आखिर पीएम मोदी अब तक अयोध्या दौरे पर क्यों नही आए? यह सवाल कई मायनों में अहम है। पहला यह कि बीजेपी की राजनीति अयोध्या और राम मंदिर के आसपास तक सीमित रही है। योगी सीएम बनने के बाद लगातार अयोध्या जाते रहे हैं। पीएम अयोध्या से बमुश्किल 150 किमी मगहर गए लेकिन राम लला की नगरी नही गए? जनकपुर से अयोध्या की बस को नेपाल से हरी झंडी दिखाई लेकिन अयोध्या नही गए? ऐसे में सवाल उठने लाजमी हैं।
बीबीसी की एक खबर के मुताबिक पीएम के अयोध्या न आने को लेकर न सिर्फ वहां के आम लोग आश्चर्य में हैं बल्कि आरएसएस और बीजेपी के बड़े नेता भी दबी जुबान से इसे बड़ी भूल मानते हैं। इसके अलावा युवा वर्ग का यह भी मानना है कि बीजेपी के घोषणा पत्र के मुताबिक राम मंदिर बनाने का वादा था लेकिन चार साल की मोदी और एक साल की योगी सरकार में यह प्रगति शून्य के बराबर रही। ऐसे में अगर पीएम आये भी तो उनके पास उपलब्धि के रूप में गिनाने और बताने को कुछ नही है।
इन सब के अलावा राम मंदिर के मुद्दे और पीएम मोदी के अयोध्या न जाने को लेकर बीबीसी की खबर के मुताबिक एक बड़े नेता,वरिष्ठ पत्रकार और नागरिकों का यह भी मानना है कि 2019 से पहले मोदी अयोध्या जरूर आएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह मुद्दा कोर्ट में है और उम्मीद है कि चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट से पहले इसपर हिन्दू समुदाय के पक्ष में फैसला आएगा। ऐसा इसलिए भी माना जा सकता है क्योंकि इस मुद्दे को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच देख रही है।
ऐसे में मोदी पक्ष में आये फैसले को भुनाने में शायद ही कोई कसर छोड़ेंगे। खैर बाकी बातें आने वाले समय के गर्भ में हैं लेकिन बीबीसी की रिपोर्ट में छपे हर शब्द से यह तो स्पष्ट है कि मोदी अब तक अयोध्या क्यों नही गए। साथ ही यह भी साफ है कि अगर फैसला आया तो यह बीजेपी के लिए यूपी में किसी संजीवनी से कम नही होगा।