8 नवंबर 2016 भारतीय राजनीतिक इतिहास की ऐसा दिन, जिसे शायद ही कभी बुलाया जा सकेगा| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की महान आर्थिक घटना की घोषणा की थी| घटना दुर्भाग्य से देश के लिए आपदा साबित हुई| नोटबंदी के दौरान ही 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' शुरू की गई थी| नोटबंदी से लोगों का गुस्सा और बेचैनी सातवें आसमान पर जा रही थी| तभी नरेंद्र मोदी ने लोगों की बेचैनी और गुस्से को टालमटोल करने के लिए नवंबर 2016 समाप्त होते-होते .'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना'की घोषणा की| प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना का आरंभ करने का मतलब लोगों के गुस्सों से बचना और लोगों का ध्यान नोटबंदी से होने वाली मुसीबतों से भटकाना था| ताकि लोग नोटबंदी को लेकर सवाल उठाना बंद कर दे और उनका ध्यान 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना'पर आ जाए|
भारत सरकार के राजसव विभाग से जवाब आया था कि इस योजना के तहत 2066 करोड रुपए एकत्रित किए गए है और उसे भारत के समेकित कोष (कंसोलिडेटेड फंड आफ इंडिया) में जमा कर दिया गया है.| इस बारे में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से बताया था कि पैसा कहां खर्च हुआ, कहां नहीं ,इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है गोरबतल है कि 10 मई 2017 को ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को बंद कर दिया गया था. और अभी तक यह नहीं पता लग पाया है कि अाखिर करोड़ों रुपए गए कहां ? इन पैसों का पता ना ही राजसव विभाग को है,और ना ही वित्त मंत्रालय को| अब तो यह मोदी जी ही बता सकते हैं कि पैसा गरीबों में बांटा गया हैं या सिर्फ इन करोड़ों रुपयों का उपयोग प्रधानमंत्री ने विज्ञापनों में किया है क्योंकि बीजेपी कि हमेशा विशेषता रही है की बीजेपी का काम अखबारों ,न्यूज़ चैनलों ,पोस्टरो में ज्यादा और जमीनी स्तर पर कम दिखाई देता है|

