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दलबीर सिंह

Mechanical engineer | पोस्ट किया | शिक्षा


बिहार के स्कूल में बच्चों को क्या परेशानी हुई ?


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Math and Account teacher,Ramanuj Study center in Account,Delhi | पोस्ट किया


आज कल पढ़ाई को लेकर सरकार ने कई बदलाव किये हैं | सरकारी स्कूल में शिक्षा को लेकर सरकार काफी कुछ कर रही हैं,कई जगह तो मुफ्त फीस हैं, पढ़ाई का कोई खर्चा नहीं पर क्या आपको लगता हैं, सरकार जो भी सुविधा पढ़ाई को लेकर दे रही हैं, वो सभी तक पहुंच भी रही हैं या नहीं |


1 जुलाई से सभी बच्चों के स्कूल खुल जाते हैं, सरकारी स्कूल के बच्चों को मुफ्त किताबें दी जाती हैं | पर बिहार के बच्चों को दाखिले के बाद भी 5 महीने से किताबें नहीं मिली | बच्चे स्कूल में परेशान हो रहे हैं | सरकार ने जब सभी बच्चों को किताब देने का वादा किया तो अब तक बच्चों के पास किताबें क्यों नहीं हैं |

इस बार सरकार की योजना थी, कि बच्चों के बैंक अकाउंट खुलवा कर किताबों की राशि बच्चों के अकाउंट में डाल दी जाये | जिससे बच्चे अपने आप ही किताब खरीदें | लेकिन राज्य के 70 प्रतिशत बच्चे किताबों से वंचित हैं | अब क्या समझा जाये इस बात को सरकार की लापरवाही |

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| पोस्ट किया


बिहार के शेखपुरा गांव मे सरकारी स्कूलो मे बच्चो क़ो बहुत सी परेशानीयां हुई है जैसे कि पढ़ाने के लिए स्कूल मे ब्लैक बोर्ड ही नहीं है और बच्चो के बैठने के लिए टेबिल टूटी फूटी हुयी है ऐसे मे बच्चो ने सरकारी अधिकारियो क़ो शिकायत किया तो अब बिहार के शेखपुरा गांव मे सरकारी स्कूलो बहुत सी चीजों की व्यवस्था हो गयी है जैसे कि एक ही कक्षा मे 2-3ब्लैक बोर्ड लगवा दिए गए है और बच्चो के बैठने के लिए टेबिल की व्यवस्था की गयी है और बच्चो के खाने -पीने के लिए भी व्यवस्था की गयी है।

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| पोस्ट किया


दोस्तों स्कूल जाना हर एक बच्चे का अधिकार होता है लेकिन वही स्कूल में बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़े तो यह एक समस्या है तो चलिए आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि बिहार के स्कूल में बच्चों को क्या परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिहार के सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए ना टीचर समय पर आते हैं और ना ही बच्चों को बैठने के लिए टेबल कुर्सी होती है यदि टेबल कुर्सी होती भी है तो वह टूटी फूटी रहती हैं यहां तक कि बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पानी भी नहीं मिलता है। लेकिन बच्चों के द्वारा की गई शिकायत से अब उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना स्कूल में नहीं करना पड़ता है।

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