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आइए दोस्तों आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताती हूं कि मैं अपने स्कूल के अंतिम दिन अर्थात विदाई के समय मैं कितनी भावुक हुई थी । 15 मार्च इस दिन मेरे स्कूल में विदाई का समारोह चल रहा था और वह हमारे लिए उस स्कूल का आखरी दिन था जिस स्कूल में मैंने कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10 तक पढ़ाई की थी आज उस स्कूल को छोड़कर जाने का वक्त आ गया था। तभी मेरे आंखों से आंसू आने लगे थे क्योंकि जब मैं सी स्कूल को छोड़ कर चली जाऊंगी तो मुझे अपने टीचरों की बहुत याद आएगी। अपने उन दोस्तों की बहुत याद आएगी जिसके साथ में पढ़ाई किया करती थी, खेला करती थी,। यह कह पाना मेरे लिए बहुत ही कठिन है कि मैं अपने स्कूल के अंतिम दिन कितनी भावुक हुई थी।
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जी हाँ बिल्कुल ज़ब मेरे स्कूल मे अंतिम दिन फैयरवेल पार्टी थी, उस दिन सब स्कूल फ्रेंड्स एक -दूसरे से मिल रहे थे, तो मै इतनी ज्यादा भावुक हो गई थी। मुझे ऐसा लगने लगा था कि जैसे सब अपने दूर जा रहे हो, मुझे स्कूल का अतिम दिन आज भी याद आता है, तो मै भावुक सी हो जाती हूँ, सोचने लगती हूँ कि खास वो स्कूल के दिन ज़िन्दगी मे कभी वापस लौट कर नहीं आएंगे, वो बचपन वो स्कूल मे फ़्रेंडो के साथ मस्ती करना, टीचरों के साथ पढ़ाई करना मज़ाक, मस्ती, बहेसबाज़ी के वो दिन अगर सोच लेती हूँ तो आज भी भावुक सी हो जाती हूँ।
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जी हाँ बिल्कुल मेरी स्कूल 10वीं कक्षा तक थी और ज़ब मै 10वीं कक्षा का अंतिम दिन था स्कूल मे तो उस दिन स्कूल मे पार्टी हुयी थी और उस दिन मेरे आँखों से आंसू आ रहे थे, ऐसा लग रहा था कि सभी फ़्रेंड मुझ से हमेशा के लिए दूर जा रहे है,क्योंकि मै बचपन से ही इसी स्कूल मे पढ़ा हूँ और टीचरो से भी मुझे बहुत लगाव हो गया था जिस वजह से स्कूल के अंतिम दिन मुझे बहुत रोना आ रहा था।
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