| पोस्ट किया |
self employed | पोस्ट किया
हम सभी लोग भावनाओ से बने है. हम में इमोशंस है, जज्बात है, भावनाये है और एक कॉमन चीज़ भी है, दिल. ऐसा नहीं है की दुसरो के सामने केवल लड़किया ही रोती है लड़के नहीं. कई बार देखा गया है की लड़के लड़कियों की अपेक्षा जल्दी टूट जाते है और जब वह अपनी भावनाये व्यक्त नहीं कर पते है तो अंदर ही अंदर रो लेते है या अपने जज्बात, दर्द को दबा लेते है पर जब दर्द बर्दाश से बाहर हो जाता है तो जरा भी देर नहीं लगती है आँखे नम होने में .
0 टिप्पणी
| पोस्ट किया
आज आपने यहां पर बहुत ही अच्छा सवाल किया है कि क्या केवल लड़कियां ही दूसरों के सामने रोते हैं लड़के नहीं तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि ऐसा बिल्कुल नहीं है लड़का और लड़की दोनों के अंदर भावनाएं पाई जाती है लेकिन लड़कियों का दिल बहुत ही कोमल होता है कहते हैं कि लड़कियों के आंसू उनके पलकों में रहते हैं इसलिए लड़कियां भावनाओं में बह जाती है और जल्दी रो देती है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि लड़के नहीं रोते लड़की भी अपने दुख को बयां करने के लिए अकेले में रोते हैं।
0 टिप्पणी
| पोस्ट किया
दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि क्या लड़कियां दूसरों के सामने रोती हैं लड़के नहीं। तों यहाँ पर हम आपको बता दें कि जब लड़कियों को दर्द या उसका दिल टूटता है तो लड़कियां दूसरों के सामने रो सकती हैं। लेकिन जब किसी लड़के का दिल टूटता है या उसे दर्द होता है तो वह किसी के सामने अपने दर्द को नहीं दिखाता है बल्कि वह खुद को मजबूत दिखाता है कि जैसे उससे कोई दर्द नहीं होता उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।
0 टिप्पणी