Army constable | पोस्ट किया |
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भारत में मदरसा को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना इस बात पर निर्भर करता है, क्या यहां पर कट्टरपंथी विचारधारा जन्म ले रही है? वैसे भी आज के समय में आधुनिक शिक्षा दिया जाना जरूरी है। मदरसों में पुराने तरीके से शिक्षा दी जाती है। इसलिए नए तरीके से और नए विषयों में आधुनिक शिक्षा देने की वकालत भी की जा रही है। शिक्षा राज्य का अहम फैसला होता है इसलिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार को शिक्षा गुणवत्ता वाली देने के लिए इस तरह के संस्थानों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। दुनिया के कई देशों में मदरसा इस्लामिक शिक्षा का मुख्य केंद्र रहा है, जहां पर कट्टरपंथी सोच भी पलती रही है, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि हर धर्म के लोग को अपनी धर्म, भाषा और संस्कृति को सीखने और सिखाने की स्वतंत्रता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सरकार द्वारा एक बड़ा सर्वे रिपोर्ट तैयार किया जाए जिससे पता चल सके कि इन मदरसों में किस तरह की वर्तमान शिक्षा दी जाती है। इसमें क्या बदलाव होना चाहिए।
वैसे आपको बता दें कि मदरसे को प्रतिबंधित करने की अलग अलग राय हो सकती हैं लेकिन भारत की मौजूदा कानून के मद्देनजर देखा जाए तो तो बिना किसी ठोस कारण के किसी भी शिक्षण संस्थान को बंद नहीं किया जा सकता है।
मदरसे में शिक्षा देने कि कई गाइडलाइन भी सरकार द्वारा जारी की गई हैं, जहां पर राष्ट्रगान और वंदे मातरम गाने के लिए भी कहा गया है। जिससे कि देशभक्ति की भावना यहां के छात्रों में आ सके। इसके अलावा कंप्यूटर और साइंस जैसे विषयों को भी यहां पर पढ़ाया जाना जरूरी है।
इसके अलावा सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि एक देश एक पाठ्यक्रम लागू करके पूरे देश में गुणवत्ता वाली शिक्षा लागू कर सकती है। यानी कि हर राज्य की बोर्ड और शिक्षा व्यवस्था में एक ही पाठ्यक्रम हो, जिससे हिंदुस्तान की सभी बच्चे को गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो सके। इन संस्थानों अलग-अलग बोर्ड के पाठ्यक्रम से जोड़ा जाना जरूरी है।
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