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वैश्विक राजनीति इस बात की साक्षी है की पार्टी चाहे कोई भी हो और देश चाहे कोई भी हो एक सच्चे नेता ने हंमेशा सेकंड लाइन ऑफ़ लीडरशिप बनाई होती है जो की उसकी गैरमौजूदगी में देश को प्रगति की और आगे बढ़ा सके। वर्तमान प्रधानमंत्रीजी ने इस प्रणालिका को तोड़ दिया है और अब भाजपा के पास भी जवाब नहीं है की प्रधानमंत्री के तौर पर अगर मोदीजी नही तो और कौन आएगा। वैसे कुछ नेताओ के नाम कभी कभी सामने आते है जैसे की नितिन गडकरी और योगी आदित्यनाथ।
सौजन्य: जागरण
यहां पर एक सवाल आता है की क्या योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री बन सकते है? वैसे इस देश के लोकतंत्र और उस के लोगो में मूल्यों को देखते हुए तो कुछ भी हो सकता है पर अगर वास्तविकता देखी जाए तो योगी आदित्यनाथ सिर्फ हिंदुत्व के कार्ड पर बने हुए मुख्यमंत्री है और अभी उनकी आभा इतनी नहीं है की लोग उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार करे।
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