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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिशाएं 8 होती है। इनके अलावा 2 दिशाएं आकाश और पाताल को मानी गई है।
अगर आपने इस दिशाओं के शुभ-अशुभ परिणामों को ध्यान में रखकर अपने भवन या ऑफिस का निर्माण किया है तो निश्चित ही आपको इन दिशाओं के शुभ फल प्राप्त होंगे। अन्यथा गलत दिशा में भवन या ऑफिस का निर्माण करने पर बड़ा खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
हमारे पौराणिक शास्त्रों के अनुसार इस प्रत्येक दिशा का एक देवता नियुक्त किया गया है जिसे 'दिग्पाल' कहा गया है अर्थात् दिशाओं के पालनहार, दिशाओं की रक्षा करने वाले। इसीलिए जब आप अपना घर या ऑफिस इत्यादि बनवाएं तो इन 10 दिशाओं को अवश्य ध्यान में रखें।
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आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कितनी दिशाएं होती है और कौन कौन सी होती है। वैसे तो ज्योतिष के अनुसार आठ दिशाएं होती हैं लेकिन इन 8 दिशाओं के अलावा दो और दिशाएं मानी गई है जो है आकाश और पाताल। यह दिशाएं मनुष्य का भविष्य तय करती है। यदि आप सभी इन दिशाओं को शुभ और अशुभ मानते हैं तो जब भी घर या ऑफिस बनवाये तो इन दिशाओं को ध्यान में रखकर बनवाएं। निश्चित ही आपको शुभ परिणाम मिलेगा । हमारे पौराणिक के अनुसार प्रत्येक दिशा में एक देवता निवास करते हैं जिसे दिग्पाल कहा जाता है।
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