समास कितने प्रकार के होते हैं ?

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| Updated on December 29, 2023 | Education

समास कितने प्रकार के होते हैं ?

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@krishnapatel8792 | Posted on December 28, 2023

समास के प्रकार के होते हैं।

1) अव्ययीभाव समास

2) तत्पुरुष समास

3) कर्मधारय समास

4) द्वंद समास

5) दिगु समास

6) बहुव्रीहि समास

1) अव्ययीभाव समास :- इस समास में शब्द का प्रथम पद अवयव होता है। और उसका अर्थ प्रधान होता है इसलिए इसे अव्ययीभाव समास कहा जाता है। अवयव यानी जिस पद का प्रारूप लिंग वचन और कारक की स्थिति मे समान ही रहे। उदाहरण के लिए

प्रतिदिन = प्रत्येक दिन

2) तत्पुरुष समास :- जिस समास में दूसरा पद प्रधान होता है उसे तत्पुरुष समास कहा जाता है। यह कारक से जुड़ा होता है। विग्रह करने पर जो करक प्रकट होता है उसी कारक के अनुसार समास का उपप्रकार प्रकार निर्धारित किया जाता है। इस समास में दो पदों के बीच कारक को चिन्हित करने वाले शब्दों का लोप हो जाता है इसलिए इसे तत्पुरुष समास कहा जाता है। तुलसी द्वारा व्रत - तुलसीकृत ( के द्वारा का लोप हुआ है- करण तत्पुरुष )

3) कर्मधारय समास :- जिस समाज में उत्तर पद प्रधान होता है और शब्द विशेषण- विशेस्य और उपमेय - उपमान से जुड़कर बनते हैं उसे कर्मधारय समास कहते हैं। जैसे चरण कमल :-कमल के समान चरण

4) दिगु समास:- दिगु समास में उत्तर पद प्रधान होता है और पूर्व पद संख्या वाचक होता है। जैसे:- तीन लोगों का समाहार त्रिलोक

5) द्वंद समास :- द्वंद समास में दोनों ही पद प्रधान रहते हैं और अधिकतर एक दूसरे पद के विपरीत होते हैं कोई भी पद छुपा हुआ नहीं रहता है।जैसे :- जलवायु = जल और वायु,

अपना -पराया= अपना या पराया

पाप -पुण्य = पाप और पुण्य

6) बहुव्रीहि समास:- जिस समास में कोई भी पद प्रधान ना हो या दो पद मिलकर तीसरा पद बनाते हो, और वह तीसरा पद प्रधान होता है सबसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जैसे :-त्रिनेत्र =तीन है नेत्र जिसके शिव

लंबोदर= लंबा है उधर जिसका (गणेश)

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