पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर इमरान खान ने हाल ही में भारत के प्रधान मंत्री को एक खत लिखा है जिस में बताया गया है की अगर मुद्दों को सुलझाना है तो दोनों देशो के बिच बातचीत होना जरूरी है। वैसे तो यह खत कुछ खास नया नहीं कहता पर राजनीति से जुड़े लोग इस मुद्दे को अलग अलग नजरिये से देख रहे है।
पाकिस्तान के आर्थिक हालत कुछ ठीक नहीं है और इसीलिए अभी उसे विश्व में शांति का मसीहा बनकर दिखाना जरूरी है। शायद इसी बात से वाकिफ इमरान खान ने राजनीती को हथियार बनाते हुए अपनी कलम चलाई है और भारत के सामने शांति प्रस्ताव लेकर आये है।
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इमरान खान के इस खत से उस की इमेज समूचे विश्व में उजागर हो सकती है और वो कह सकते है की हमने तो अमन के लिए बहुत कोशिशे की पर भारत ने साथ नहीं दिया। अगर यह कोशिश कामयाब हो जाती है तो पाकिस्तान की अवाम का ध्यान समस्याओ से ज्यादा भारत के साथ रिश्ते पर बना रहेगा और इस से वो घरेलु समस्याओ से मुक्ति पा सकते है। इस लिए इमरान खान का यह खत बेशक एक राजनितिक दाव ही है जिसे भारत को समजना चाहिए। पाकिस्तान का भरोसा कितना किया जा सकता है यह भारत अच्छे से जानता है।