पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान को लेकर नूपुर शर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है । उन्होंने टीवी चैनल में एक डिबेट की दौरान कहा था कि जिस तरह से एक विशेष समुदाय के लोग हमारे देवी देवता पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहें है अगर मैं भी उनके अल्लाह के राज खोलने लगूंगी तो सब शांत हो जाएंगे । उनके अल्लाह ने आखिर क्यों अपनी बेटी से शादी की इसका जवाब किसी के पास नही है । केवल यह लोग हमारे भगवान पार उंगली उठाना जानते है । नूपुर शर्मा के द्वारा बस इतना ही बोलना आज देश को जला
दिया है । Loading image...
लेकिन अगर हम बात करें उनके बयान की तो शायद वो गलत नही है । क्योंकि अगर हम किसी के द्वारा लगातार उकसाए जा रहें है तो हम भी बोल सकते है । ऐसा हम नही हमारा संविधान कहता है । साथ ही नूपुर शर्मा ने तो अपने धर्म को बचाने के लिए इस तरह का बयान दिया है । जो किसी भी प्रकार से गलत नही है ।
आपको बता दें कि जब से ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद सामने आया है आप देख सकते है कि एक विशेष समुदाय के लोग किस तरह से अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहें है । यहां तक कि शिवलिंग को फव्वारा बता रहे है । रोड पर बनी ही रेलिंग को शिवलिंग बता रहें है । इस तरह की बयानबाजी करना भी गलत है लेकिन शायद लोगों को यह नही दिखता ।
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आपको एक वाकया और बताता हूं कुछ दिन पहले ओवैसी के छोटे भाई ने हिंदू देवी , देवता को बहुत अपमानित किया तब किसी भी हिंदू ने इसका विरोध नही किया , ना ही किसी मुस्लिम ने इसका जवाब मांगा । क्योंकि उनका कहना लोगों की निगाह में सही था । अगर उनके ऊपर किसी भी तरह की करवाई नही हुई । तो नूपुर शर्मा के द्वारा दिया हुआ बयान भी सहीं है ।
नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहमद को लेकर वहीं बोला है जो किताबों में लिखा हुआ है । यह किताब लिखने वाला कोई और नही है बल्कि उनके धर्म के लोग ही है सबसे बड़ी बात तो यह है कि अगर उस किताब में गलत लिखा है तो मुस्लिम इसके लिए क्यों विरोध नही कर रहें है ।