मौत के बाद कोई इंसान ज़िंदा लौट आए तो ये जितनी ख़ुशी की बात है, उससे कही ज्यादा आश्चर्यजनक है | ऐसा तो सिर्फ फिल्मो में ही देखने मिलता है, जहाँ लोग जन्म भी कई बार ले लेते है, और मर के वापस भी कई बार आ जाते हैं |
आज आपको कुछ छोटी-छोटी बातें बताते है, जिनसे हम ये जान सकेंगे कि सच में इंसान मर के वापस ज़िंदा हो सकता है, या नहीं |
ऐसे कुछ व्यक्ति हैं, जिन्हें डॉक्टरों ने मरा हुआ घोषित किया और अचानक कुछ ऐसा हुआ कि मरे हुए इंसान में वापस से प्राण आ गए और वो जीवित हो गया | जो लोग मर के ज़िंदा हुए उनके अनुभवों को अमेरिका के "डा. रेमण्ड मूडी ने “लाइफ आफ्टर डेथ” नाम की एक बुक में सभी जानकरी को इकठ्ठा किया |
- यह घटना मध्यप्रदेश के मुरैना की है। यहां के एक व्यापरी जिनका नाम विश्वंभरनाथ बजाज था और उम्र 75 वर्ष थी। विश्वंभरनाथ बजाज काफी लंम्बे समय से बीमार थे | लंबी बीमारी के चलते इनकी सांसें थम गई और लोगों को लगा की विश्वंभरनाथ बजाज की मृत्यु हो गई |
लोग उनके अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे तभी अचानक विश्वंभरनाथ उठकर बैठ गए | ये सब कुछ लोगों के लिए बड़ा ही आश्चर्यजनक तो था ही बल्कि उससे कहीं ज्यादा डरावना भी था | विश्वंभरनाथ बजाज ने जब लोगों को उनके ज़िंदा होने की सच्चाई बताई तो लोगों को भरोसा नहीं हुआ | विश्वंभरनाथ बजाज ने बताया की जब मृत स्थति में थे तब उन्हें कुछ लोग उठाकर दिव्य पुरुष के पास ले गए और उस दिव्य पुरुष ने कहा तुम जिसको लाए हो उसका समय अभी नहीं आया तुरंत इसको वापस छोड़कर आओ | विश्वंभरनाथ बजाज के प्राण वापस आ गए |
- एक और घटना गढ़वाल में स्थित रानाघाट के पास एक छोटे से गांव छुंडी की है। यहां रहने वाले रुद्रदत्त का अचानक शरीर शांत हो गया, और वह मृत घोषित हो गए | इनकी मृत्यु के बाद सभी लोग उनके अंतिम सस्कार की तैयारी करने लगे और अचानक से रुद्रदत्त के प्राण वापस आ गए |
लंबी बीमारी के बाद मृत हुए रूद्र दत्त के जब प्राण वापस आये तो उन्होंने बताया कि उन्हें परलोक में हनुमान जी मिले और हनुमान जी ने आदेश दिया है,कि हनुमान जी का मंदिर बनवाया जाये | रुद्रदत्त लंबी बीमारी के बाद ठीक हुए और उन्होंने मंदिर का मिर्माण करवाया |
ऐसी कई लोग और भी है, जो मर के वापस ज़िंदा हुए हैं |