क्यों अतीत में भारत योग को बढ़ावा देने मे...

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| Updated on October 23, 2018 | Health-beauty

क्यों अतीत में भारत योग को बढ़ावा देने में असमर्थ था ?

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@anilyogacharya9289 | Posted on October 23, 2018

वर्तमान भारत में योग को बहुत प्रमुखता दी जा रही है | योग आज से नहीं बल्कि बहुत समय से विश्व का धर्म गुरु रहा है | लोग पहले भी योग सीखने के लिए भारत आया करते थे | हमारे भारत में अतीत के समय से योग का बहतु महत्त्व रहा है |


- बिहार स्कूल ऑफ़ योग
- नालंदा विश्वविद्यालय

यह योग के प्रमुख स्थान रहें हैं | यहाँ पर आयुर्वेद, दर्शन शास्त्र से सम्बंधित कई योग के बारें में जानकरी दी जाती है | योग आज ही नहीं बल्कि बहुत समय से मानव जीवन में शामिल है |

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भारत के योग गुरु जिन्होंने योग का प्रचार किया :-

- बी. के. एस. अयंगार :-
बेल्लूर कृष्णमचारी सुंदरराज अयंगार | जिनका जन्म 4 दिसंबर 1918 को बेल्लूर में हुआ | यह भारत के अग्रणी योग गुरु थे जिन्होंने अयंगारयोग की स्थापना की और इस योग को पूरे विश्व में मशहूर बनाया | सन 2002 में उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण पद से और 2014 में पद्म विभूषण पद से सम्मानित किया |

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- महर्षि महेश योगी :-
महर्षि महेश योगी जी का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के एक शहर राजिम के पास पांडुका गाँव में हुआ था। उनका सही नाम महेश प्रसाद वर्मा था। महर्षि महेश योगी ने मैडिटेशन योग की स्थापना की | आँखे बंद कर के मन्त्रों का उपचार करना और जो भी ऐसा करता था वह व्यक्ति हर भाव से दूर हो जाता है | महर्षि महेश योगी के इस योग से लोगों को आत्मा शांति का अनुभव प्राप्त हुआ |

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ओशो रजनीश और सवामी धीरेन्द्र ब्रह्मचारी जैसे कई योग गुरु हैं, जिन्होंने भारत में आज से नहीं बल्कि कई समय पहले से योग की स्थपना की है | इसलिए ये कहना सही नहीं है, कि अतीत में भारत योग को बढ़ावा देने में असमर्थ था ?

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