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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | पोस्ट किया |


सन्यासी बाबाओ से भरी, बीजेपी की पार्टी


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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | पोस्ट किया


बीजेपी कट्टर हिंदू राष्ट्रवादी छवि रखने वाली पार्टी है और आरएसएस के इशारे पर चलती है यह बात तो हर कोई जानता है! लेकिन जब से डिजिटल इंडिया का दौर आया है बीजेपी में अब सन्यासियों की भारी भरमार हो गई हैं इन सन्यासियों में योगी आदित्यनाथ, साक्षी महाराज ,उमा भारती ,साध्वी प्रज्ञा ठाकुर यह लोग साधु के भेष में बहरूपिया बने घूम रहे हैं.

सन्यासियों को आश्रमों में, मंदिरों में या सत्संग में ज्ञान बांटते हुए होना चाहिए लेकिन इन लोगों का राजनीति में क्या काम? मुझे तो अभी तक कुछ समझ में नहीं आया! ठीक है अगर राजनीति में यह लोग आ ही गए हैं तो यह आकर करेंगे क्या इनके पास काम क्या है राजनीति में करने के लायक| क्योंकि इनकी बुद्धि तो सन्यासियों वाली होगी इनके पास देश चलाने वाली बुद्धि कहां से आएगी|

कैसे जीत पाते है यह बेहरूपिया सन्यासी

इन सन्यासियों को जिताने के लिए हमारे देश की मूर्ख जनता का मुख्य योगदान होता है पहले तो इस जनता से ही पूछना चाहिए कि इन बाबाओं को जीताओगे तो मंदिर में कौन से बाबा बैठेंगे ,जब आप मंदिर में दर्शन करने जाएंगे तो प्रसाद कौन सा बाबा देगा, कौन सा बाबा माथे पर टीका लगाएगा|
बाबाओं को जीता कर लोकसभा या विधानसभा भेज दिया जाता है|

लेकिन हमारे देश की मूर्ख जनता को कौन समझाए कि देश नेताओं से चलता है सन्यासियों से नहीं| इन सन्यासियों को देश के विकास और जनता के मुद्दों से दूर-दूर तक कुछ लेना देना नहीं है इन का मुख्य कार्य सिर्फ हिंदू मुस्लिम में तनाव उत्पन्न करवाना ,जातिय भेदभाव को बढ़ावा देना, राम मंदिर के नाम पर राजनीति करना है|


देखिए ,आज के समय में इन सन्यासियों का काम

साक्षी महाराज को कभी भी आपने देश के हित और समाज के मुद्दों को लेकर बात करते हुए नहीं देखा होगा. साक्षी महाराज के बयानों को सुन कर ऐसा लगता है कि पाकिस्तान का एंबेसी इनके घर में ही बना हुआ है. यह कभी भी किसी को पाकिस्तान भेज सकते हैं|

योगी आदित्यनाथ खुद तो संयासी है ही और एंटी रोमियो दल बनाकर नौजवानों के लिए मुसीबत खड़ी कर बैठे हैं.यह खुद भगवाधारी हैं. और पूरे यूपी को भगवा रंग में रंगना चाहते हैं. यह आए दिन स्टेशनों के नाम बदल देते और स्टेशनों में भगवा रंग करवाते रहते हैं. मदरसों को प्रताड़ित करना इनका मुख्य कार्य हैं|

डिजिटल इंडिया में अब एक नया युग आ गया है किसी को भी श्राप देने का| साध्वी प्रज्ञा को लेकर एक असमंजस है कि प्रज्ञा सन्यासी है या तांत्रिक ? साध्वी प्रज्ञा के बारे में मैं कुछ बोलना नहीं चाहूंगा क्योंकि यह श्राप देने में माहिर है अगर इन्होंने मेरा यह लेख पढ़ लिया तो हेमंत करकरे की तरह कहीं मुझे श्राप ना दे दें|


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