Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | पोस्ट किया | शिक्षा
System Analyst (Wipro) | पोस्ट किया
पूरी दुनिया में कई सारे ऐसे ग्रन्थ है जिसके बारें में ना हमने कभी सुना है और ना हम जानते हैं | हाँ लेकिन हम से कुछ ही ऐसे लोग होंगे जो भारत से जुड़े ग्रंथों की जानकारी रखते होंगे | आपको यह बात जानकार ख़ुशी होगी की विश्व का प्राचीनतम ग्रन्थ भारत की ही देन है और उस ग्रन्थ का नाम है ऋग्वेद, जो पूरे विश्व की प्राचीनतम रचना है। ऋग्वेद को हिन्दू धर्म यानी सनातन धर्म का स्रोत माना जाता है और इसी रचना 1500 से 1000 ई. पू. के बीच हुई थी |
(courtesy-Pinterest)
ऋग्वेद और ईरानी ग्रथ ‘जेंद अवेस्ता’ में समानता पायी जाती है। दुनिया के सभी इतिहासकार इस ग्रन्थ को हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की सबसे पहली रचना मानते हैं। ऋग्वेद में हिन्दू देवी और देवताओं से जुडी स्तुति और मन्त्र हैं जिनका ज्ञान पाने से जीवन में सही मार्ग पाया जा सकता है। इसमें कुल 1028 सूक्त हैं जिनमें देवताओं की स्तुति की गयी है और कुल 10,580 ऋचाएँ हैं। वेद मन्त्रों के समूह सूक्त कहा जाता है और ऋक संहिता में 10 मंडल हैं। ऋग्वेद में देवताओं की स्तुति करने वाले स्रोत अधिकता में है।
(courtesy-Dainik Bhaskar)
ऋग्वेद के 10 मंडलों में कुछ मंडल बड़े हैं जबकि कुछ मंडल छोटे भी हैं। इसके प्रथम और अंतिम मंडल समान रूप से बड़े हैं। उनमें 191 सूक्त हैं। दूसरे मंडल से सातवें मंडल तक का अंश ऋग्वेद का हृदय कहलाता है क्योंकि ये अंश ऋग्वेद का श्रेष्ठ भाग है। आठवें मंडल और प्रथम मंडल के प्रारंभिक 50 सूक्तों में समानता है।
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