नवरात्री के नौ दिन में नौ देवियों का पूजन किया जाता है । नवरात्रि पूजन में घट की स्थापना का बहुत बड़ा महत्व है । आपको घट स्थापना पूजन की आसान विधि के बारें में बताते हैं ।
नवत्रात्रों में घट स्थापना क्यों की जाती है ?
घट को सुख- समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाला माना जाता है। मान्यता के अनुसार घट के ऊपरी हिस्से में भगवान विष्णु, गले में भगवान शिव, मूल भाग में ब्रह्मा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास माना जाता है । नवरात्रि के समय पूरे ब्रह्मांड की समस्त शक्तियां घट में उपस्थित होती हैं । घट ककी स्थापना करने से माँ शक्ति के पूजन का सम्पूर्ण फल मिलता है । इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और घर में हमेशा सकारात्मक माहौल बना रहता है ।
(Image - livehindustan)
- घट स्थापना के लिए एक मिट्टी का
कलश लेकर उसको शुद्ध जल से भर लें । उसके बाद कलश में रक्षासूत्र बंधे । जल से भरे हुए कलश पर 7 या 9 आम की पत्तियों को चारों तरफ से सजा कर रखें और साथ ही उसमें दूर्वा भी लगाएं ।
- अब जल से भरे कलश में एक सिक्का , अक्षत ,रोली और सुपारी डाल कर उसके ऊपर आप लाल कपड़े से बंधा हुआ नारियल रखें ।
- अब जिस पात्र में आप जौ बोन चाहते हैं उसमें मिट्ठी डालें और उस पर गेंहूं डाल दें और थोड़ी सी बीच में जगह बना लें और उसके ऊपर कलश रख दें।
- अब कलश को पूजा स्थल के पास एक कटोरी चावल के ऊपर रखें और घट का पूजन करें ।
- घट पर गंगाजल छिड़के और उसके बाद रोली,अक्षत,फूल माला चढ़ा कर धुप -दीप से उसकी आरती करें और उसके बाद माता की पूजा शुरू करें ।
कुछ बातों का ध्यान कलश स्थापना के समय रखना जरुरी है:-
- घट की स्थापना उत्तर-पूर्व की तरफ करना चाहिए क्योकिं यह दिशा देवताओं का वास होता है ।
- अखंड ज्योत रखने के लिए पूर्व-दक्षिण दिशा शुभ मानी जाती है ।
- पूजा घर में रोजाना साफ-सफाई रखें और घट के आस-पास गंदगी न होने दें ।