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पोखरण परीक्षण के बाद भारत की परमाणु नीति...

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| Updated on June 21, 2019 | others

पोखरण परीक्षण के बाद भारत की परमाणु नीति में कौन से बदलाव आए

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@kandarpdave1975 | Posted on June 21, 2019

भारत ने पोखरण में दो बार परमाणु परिक्षण किये है। जब पहली बार परमाणु परिक्षण किया तब इंदिरा गाँधी देश की प्रधानमंत्री थी और दूसरी बार किया तब अटलबिहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री पद पर थे। पहली बार का परमाणु परिक्षण तो दुनिया के सामने यह प्रदर्शन का मौक़ा था की भारत भी अब अणु बम बना सकता है और तकनिकी रूप से उस ने काफी प्रगति कर ली है पर जो दूसरी बार परिक्षण किया गया वो सिर्फ एक दिखावा था और वैसे देखा जाए तो वास्तव में उसकी कोई जरुरत नहीं थी।

 

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पहली बार के परिक्षण से भारत को विश्व के उन देशो में स्थान मिला जो की परमाणु शक्ति बन चुके थे और पडोसी मुल्क जो की भारत से जंग करने के लिए हमेशा उत्सुक थे उनको एक सन्देश था की अब की बार अगर जंग हुई तो अंजाम बहुत बुरा हो सकता है। इतना ही नहीं विश्व के अन्य विकसित देशो के साथ भारत की तुलना और गणना भी होने लगी की जिससे भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी फ़ायदा हुआ। जो देश भारत को नजरअंदाज करते थे उनको भी समाज आ गया की अब भारत बहुत ही बदल चुका है। देशकी जो छवि धूमिल हो चुकी थी वो ऐसे परीक्षणों से काफी सुधर गई और इस से विविध क्षेत्रो में देश का नाम और बढ़ा।

 

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