कृष्णा पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या है ?

| Updated on October 14, 2023 | Astrology

कृष्णा पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या है ?

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@pamditadayaramasharma5207 | Posted on June 22, 2018

पक्ष को आसान शब्दों में हम "साइड" या "तरफ" कह सकते हैं | हमारे जीवन में जितना ज्योतिष का महत्व हैं उतना ही ज्योतिष से जुड़ी बातों का महत्व हैं | सबसे ज्यादा ज्योतिष में जिस चीज़ का महत्व हैं वो हैं पंचांग | हमारे जीवन में पंचांग ही हमें पहर,घड़ी,पक्ष आदिके बारें में बताता हैं |


ज्योतिष शास्त्र में पंचांग के अनुसार साल में 12 महीने होते हैं,जो की सामान्य हमारे इंग्लिश कैलेंडर में भीहोते हैं | यहाँ एक दिन को एक तिथि कहते हैं , और इस तिथि की अवधि 19 से 24 घंटे तक की की हो सकती हैं । हर माह में तीस दिन होते हैं ,जो 15-15 दिन की तिथियों के अनुसार बांटा हुआ हैं |

इसमें 15 दिन चाँद दिखता हैं और 15 दिन चाँद नहीं दिखता | एक महीने में कृष्णा पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों आते हैं | अमावस्या
को कृष्ण पक्ष होता हैं और पूर्णिमा को शुक्ल पक्ष | शुक्ल पक्ष को राम पक्ष भी कह सकते हैं | क्योंकि राम का जन्म पूर्णिमा नवमीं के दिन हुआ और कृष्णा जी का जन्म अमावस्या अष्टमी के दिन हुआ | इसलिए एक महीने में एक अमावस्या अर्थात कृष्ण पक्ष और एक पूर्णिमा अर्थात शुक्ल पक्ष दोनों पक्ष आतें हैं |

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@poonampatel5896 | Posted on October 13, 2023

कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या है?

कृष्ण पक्ष :- कृष्ण पक्ष ,पूर्णिमा और अमावस्या के बीच के भाग को कहते हैं। पूर्णिमा के अगले दिन कृष्ण पक्ष की शुरुआत होती है, जो अमावस्या के दिन तक 15 दिनों तक चलती है। कृष्ण पक्ष में शुभ कार्य निषेध है, ऐसा माना जाता है कि जब कृष्ण पक्ष होता है तो उसे दौरान कोई भी शुभ कार्य करना उचित नहीं होता है। दरअसल इसके पीछे ज्योतिष शास्त्र मैं चंद्रमा के घटते चरण को बताया गया। जैसे-जैसे पूर्णिमा के बाद दिन बढ़ता है, चंद्रमा की रोशनी कमजोर होने लगती है। चंद्रमा के आकार और प्रकाश के कम होने के साथ ही रातें काली पड़ने लगती हैं। इस कारण भी कृष्ण पक्ष को शुभ नहीं माना जाता है। कृष्ण पक्ष की तिथियां 15 दिन तक होते हैं।

शुक्ल पक्ष:- शुक्ल पक्ष, अमावस्या और पूर्णिमा के बीच का भाग शुक्ल पक्ष कहलाता है। अमावस्या के बाद के 15 दिनो को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। अमावस्या की अगले दिन से ही चंद्रमा उदय होने लगता है और अंधेरी रात चंद्रमा के प्रकाश में चमकने लगती है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा बहुत बड़ा और प्रकाश से भरा होता है।इस समय के दौरान चंद्रमा अपने पूर्णाकार में रहते हैं,इसलिए यह पहलू किसी भी कार्य को शुभ कार्य करने के लिए शुक्ल पक्ष उपयुक्त माना जाता है। शुक्ल पक्ष तिथियां की गणना 15 दिन तक होते हैं।

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@anjalipatel3903 | Posted on October 13, 2023

आप कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के बारे में जानना चाहते हैं तो चलिए हम आपको इस आर्टिकल में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

सबसे पहले बात करते हैं कृष्ण पक्ष की :-

दोस्तों आप सभी ने पूर्णिमा और अमावस्या के बारे में तो सुना ही होगा, तो हम आपको बता दे की पूर्णिमा और अमावस के बीच वाला जो हिस्सा होता है उसे ही कृष्ण पक्ष कहते हैं।जिस दिन पूर्णिमा तिथि होती है उसके अगले दिन ही कृष्ण पक्ष की शुरुआत हो जाती है।जो की अमावस्या तिथि के आने तक 15 दिनों तक रहती है।

चलिए अब जानते हैं शुक्ल पक्ष क्या है:-

दोस्तों अमावस्या और पूर्णिमा वाले बीच के भाग को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। अमावस्या के 15 दिन वाले भाग को हम शुक्ल पक्ष कहते हैं।

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