प्यार या प्रेम एक एहसास होता है , जो दिमाग से नहीं बल्कि दिल से होता है और इसमें अनेक भावनाओं अलग -अलग विचारो का समावेश होता है। प्रेम स्नेह से लेकर खुशी की ओर धीरे- धीरे अग्रसर होती है, ये एक मज़बूत आकर्षण और निजी जुड़ाव की भावना है जो सब भूलकर उसके साथ जाने को प्रेरित हो जाती है।
इंसान प्यार में विनम्र, कोमल, भावुक और संवेदनशील हो जाता है,प्यार बड़े से बड़े तानाशाह को पूरी तरह से बदलकर रख देता है।प्यार के आगे किसी की नहीं चलती है,प्यार जबरदस्ती से नहीं किया जाता है, जो अपने आप ही हो जाता है उसकी खबर हमें बाद में होती है।
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