प्रवासी लोग मजबूर नहीं है हालात ने उन्हें मजबूर बना दिया है जिस कारण वह अपने घर परिवार के पास लौटने के लिए किलोमीटर पर किलोमीटर हजार किलोमीटर तक पैदल सफर कर रहे हैं।इसका मुख्य कारण यह है कि आज देश में जिस तरीके से यह वायरस फैल रहा है और जिस तरीके से चारों तरफ बंद हो चुका है लाकडाउन के वजह से ऐसे में प्रवासी लोगों के पास ना कोई काम रह गया करने को ना रहने को कोई जगह है क्योंकि जहां पर वह रहते थे वहां पर उन्हें पैसों के कारण से घर से बाहर निकाल दिया गया है ऐसे में वह मजदूर या वह लोग क्या करेंगे।
मुश्किल वक्त में लोगों के पास रोटी हो चाहे ना हो वह बस यही चाहते हैं कि वह बस अपने अपनों के पास पहुंचे और उनका साथ उनको मिले। तो हालात के कारण प्रवासी लोग मजबूर है।