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भाजपा के कद्दावर फायर ब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भड़काऊ बयान देते हुए इस चुनाव को अली और बजरंग बली के बीच का चुनाव बता दिया, आप खुद इस बयान के निहितार्थ लगा सकते हैं।
वहीं मोदी सरकार में मंत्री मेनका गांधी ने भी मंच से मुसलमानों को सीधे सीधे चेतावनी देते हुए कहा कि वोट देना, तभी काम कराने मेरे पास आ जाना। वहीं स्थानीय स्तर भी लगातार भाजपा नेताओं द्वारा जातिवाद और साम्प्रदायिकता का सहारा लिया जा रहा है।
पीएम मोदी हर चुनाव में खुद को ओबीसी जाति का बताने से पीछे नहीं हटते। इसके पीछे उनका एक ही मकसद होता है, जातिवाद के आधार पर मतों का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण।
स्पष्ट है कि भाजपा को ऐसा लगने लगा है कि वो आगामी लोकसभा चुनाव में पराजित हो सकती है, इसीलिए जातिवाद का ज़हर फैलाकर ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है।
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