हिन्दू धर्म में विवाहित महिलाओं को है। यह बात तो हम सभी जानते हैं की हिन्दू धर्म में कई तरह के रीति रिवाज़ और पौराणिक कथाएं है। जिनमें से एक रिवाज़ यह हैं की हर भारतीय महिला शादी के बाद माथे पर सिन्दूर लगाएगी।
कुछ किवदंतियों के अनुसार माथे पर सिन्दूर लगाने से पति की उम्र बढ़ती है और वह सभी बुराइयों से दूर रहते है। मगर पौराणिक तथ्यों का रुख करें तो कई कहानियां हैं जिसके अनुसार ऐसा माना जाता है माँ पार्वती सिंदूर लगाने वाली महिलाओं के पति की रक्षा करती हैं और उन पर मंडरा रही बुरी शक्तियों को भी दूर रखने में मदद करती है। हिन्दू धर्म में लाल रंग अलग अलग मायनों से बहुत शुभ माना जाता है। खास तौर पर विवाहित महिलाओं के लिए। कुछ अन्य किवदंतियों के अनुसार मांग में सिंदूर लगाने से भाग्य बढ़ता है और वैवाहिक जीवन सुखी बना रहता है।
पौराणिक कालों में भी ऐसा कहा जाता है कि पार्वती अपने पति शिवजी को बुरी शक्तियों से बचाने के लिए सिंदूर लगाती थीं और मां सीता प्रभु श्री राम की लंबी उम्र की कामना के लिए सिंदूर लगाती थीं। वही देवी लक्ष्मी से जुड़ी कहानियों के अनुसार देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर पांच जगह विराजमान होती है जिसमें से एक जगह सिर भी है, इसलिए विवाहित महिलाएं मांग में सिंदूर भरती हैं। ताकि घर में और उनके पति के जीवन में धन धन्य की कमी ना हो। सिन्दूर हर विवाहित महिला के श्रृंगार का अभिन्न अंग माना जाता है।
वही अगर वैज्ञानिक प्रमाणों को देखें तो ऐसा माना जाता है शरीर के जिस हिस्से यानी सिर पर सिंदूर लगाया जाता है, वह कोमल होता है। इस स्थान को 'ब्रह्मरंध्र' कहते हैं। सिंदूर आमतौर पर ब्लडप्रेशर तनाव और अनिद्रा से राहत पहुंचाते है। सिन्दूर में पाए जाने वाले तत्व लम्बे समय तक चेहरे पर झुर्रियों नहीं पड़ने देते।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
हमारे देश में सुहागन को ही अपने मांग में सिंदूर को लगाती हैं! यह हमारे सदियों से चली आ रही एक परंपरा है, हिंदू धर्म में कहते हैं कि अगर महिला अपने पति के नाम का सिंदूर लगाती हैं तो उसके पति की लंबी आयु होती है और वह एक सौभाग्यवती महिला कहलाती है. हर एक महिला शादी के बाद सिंदूर क्यों लगाती है. जिसके कारण उसके पति की लंबी आयु ही नहीं उसकी सुंदरता को भी निखारता है. इसीलिए सभी औरतों को सिंदूर लगाना चाहिए. लेकिन जिन औरतों के पति जीवित नहीं होते उनको सिंदूर नहीं लगाना होता है!
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हमारे हिंदू धर्म में माथे पर सिंदूर लगाने की प्रचलन रामायण काल से चली आ रही है कहा जाता है कि माता सीता भगवान श्रीराम की लंबी आयु के लिए अपने माथे पर सिंदूर लगाती थी जिससे उन्हें सदा सौभाग्यवती बने रहने का वरदान मिलता था। तब से लेकर अब तक यह प्रचलन चला आ रहा है। आज भी महिलाएं अपने माथे पर सिंदूर लगाकर अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना करती है। तथा हमेशा सौभाग्यवती बने रहने का वरदान प्राप्त करती है। वैज्ञानिक मान्यता यह है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ब्रह्मारंध्र अधिक संवेदनशील होता है तथा सिंदूर में पारा धातु पाया जाता है। माथे पर सिंदूर लगाने से नकारात्मक शक्ति दूर रहती है। इसलिए माथे पर सभी स्त्रियों को सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए।
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हिंदू धर्म में यह महिलाओं के लिए तो खास बात है कि विवाह के बाद हर स्त्री अपने माथे पर सिंदूर लगा दिया और इसे आवश्यक माना जाता है कहा जा रहा है कि इस तेरी को माथे पर सिंदूर लगाने से उसके पति की लंबी आयु उम्र का सम्मान से जोड़ा जाता है और यह महिलाओं के लिए सुहाग का प्रतीक होता है मांग में सिंदूर लगाने के धार्मिक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है हिंदू समाज में हर स्त्री पत्नी आदर्श के रूप में माना जाता है यह लाल रंग को इन का प्रतीक माना जाता है इसलिए महिलाओं को लाल सिंदूर लगाने की सलाह दी जाती है साथ ही माथे पर सिंदूर लगाने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है.।
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