नरसिंघ जयंती की पूजा का क्या महत्व है? - letsdiskuss
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Amayra Badoni

Student (Delhi University) | पोस्ट किया | ज्योतिष


नरसिंघ जयंती की पूजा का क्या महत्व है?


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| पोस्ट किया


नरसिंह जयंती पूजा का महत्व :- वैशाख मांह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की जयंती मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि अर्ध सिंह और अर्ध मानव रूप में भगवान नरसिंह, अपने भक्त प्रहलाद को उसके दुष्ट पिता हिरणकश्यप से बचने के लिए धरती पर प्रकट हुए थे। हिंदुओं के इस महत्वपूर्ण पर्व पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।यह पर भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान नरसिंह के प्रकट होने का जश्न मनाता है। उन्होंने इस अवतार में दानव का वध कर कर्म की स्थापना की थी। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई और पाप पर धर्म की विजय का प्रतीक है।क्रोधित और शक्तिशाली देवता के रूप में पूजित भगवान नरसिंह, अपने भक्तों की समस्त विपत्तियां या संकट को रक्षा करके उन्हें सुख समृद्ध और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं।Letsdiskuss


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Astrologer,Shiv shakti Jyotish Kendra | पोस्ट किया


नरसिंघ भगवान विष्णु का एक रूप है | भगवान नरसिंघ का यह रूप आधा इंसान और आधा शेर का रूप है | नरसिंघ भगवान का यह स्वरुप अपने भक्त प्रहलाद को हिरण्यकश्यप के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए था |


नरसिंघ जयंती की पूजा का महत्व :-
इस बार नरसिंघ जयंती 17 मई को है और जो लोग इस पूजा को करते हैं या इसका व्रत रखते हैं उन सभी के दुःख दरिद्र दूर हो जाते हैं | जैसे नरसिंघ भगवान भक्त प्रह्लाद की रखा के लिए हमेशा तैयार रहते थे वैसे ही अपने सभी भक्तों की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं | जैसा कि नरसिंघ भगवान विष्णु एक ही एक रूप है तो नरसिंघ के साथ लक्ष्मी जी का पूजा घर में कभी धन की कमी नहीं आने देता |

नरसिंह जयंती पूजन के लिए मंत्र :-
"नैवेद्यं शर्करां चापि भक्ष्यभोज्यसमन्वितम्। ददामि ते रमाकांत सर्वपापक्षयं कुरु "
नरसिंह जयंती की पूजा का शुभ मुहूर्त :-
पूजा करने का अंतराल सिर्फ 2 घंटे 37 मिनट का होगा
पूजा करने का शुभ महूर्त शाम 4:20 से 6:58 तक

नरसिंह जयंती की पूजा विधि :-
- भगवान नरसिंह की पूजा करने का समय शाम को होता है |
- पूजा करने के लिए नरसिंह के साथ माता लक्ष्मी की भी मूर्ति या तस्वीर भी रखें |
- पूजा के लिए फल, फूल, चंदन, कपूर, रोली, धूप, कुमकुम, केसर, पंचमेवा, नारियल, अक्षत, गंगाजल, काले तिल और पीताम्बर रखें |
- भगवान नरसिंह और माता लक्ष्मी को पीले वस्त्र पहनाएं या उनकी फोटो में पीले रंग के वस्त्र को चढ़ाएं |
- चंदन, कपूर, रोली और धूप करने के बाद कथा पढ़ें और मन्त्रों का जाप करें |
- पूजा होने के बाद जरूरतमंद को तिल, कपड़ा दान करें |

Letsdiskuss (Courtesy : NewsGram )



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नरसिंह भगवान भगवान विष्णु जी का अवतार है। जिसमें इनका आधार रूप इंसान का और आधा शेर का था। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नरसिंह भगवान जी की जयंती का क्या महत्व है। नरसिंह भगवान जी का अवतार विष्णु भगवान जी की 12 अवतारों में से एक है।इस बार 30 मई सन 2023 को नरसिंह जयंती मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार नरसिंह जयंती वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। नरसिंह जयंती के दिन भगवान नरसिंह जी की पूजा की जाती है इस दिन सुबह उठकर स्नान कर लेना चाहिए,इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करना चाहिए, पूजा वाली जगह पर लकड़ी के पटे पर पीले कपड़े को बिछा कर नरसिंह भगवान के सामने माता लक्ष्मी जी की मूर्ति रखकर शुद्ध जल से मूर्ति पर जल का छिड़काव करना चाहिए।पांच तरह की मिठाइयां भगवान को भोग के लिए अर्पित करना चाहिए इस प्रकार भगवान आपसे प्रसन्न होकर आपकी सभी इच्छाओं को पूरी करेंगे।

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