दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम पर आप की क्या राय हैं? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language


English


A

Anonymous

Sales Executive in ICICI Bank | पोस्ट किया |


दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम पर आप की क्या राय हैं?


0
0




pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | पोस्ट किया


तबलीगी जमात अब मीडिया और सरकार की भेंट चढ़ चुका है इस पूरे मामले को अब हिंदू और मुस्लिम का रूप दिया जा रहा है अगर आप इस पूरे मामले कुछ समझेंगे तो आपको पता चलेगा कि दिल्ली पुलिस की बहुत बड़ी लापरवाही उभरकर सामने आई है.100 साल का इस जमात का इतिहास रहा है दिल्ली के निजामुद्दीन मामले की अगर आप गहराई में जाएंगे तो आप देख पाएंगे कि आखिर लापरवाही किसके द्वारा बरती गई है.

बिना मरकज की बात सुने हम उनकी गलती नहीं निकाल सकते. जानी मरकज ने क्या कहा, मरकज की ओर से बताया गया था कि किसी तरह का खास आयोजन नहीं किया जा रहा था आम दिनों की तरह लोग वहां लोग मौजूद थे जब जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ,उस वक्त बहुत सारे लोग मरकज में थे सरकार के निर्देश को मानते हुए उसी दिन मरकज को बंद कर दिया गया बाहर से किसी को आने नहीं दिया गया जो लोग मरकज में रह रहे थे उन्हें घर भेजने का इंतजाम करने की कोशिशें की जाने लगी.

इसी बीच 21 मार्च से ही सेवाएं बंद होने लगी जो लोग दूर के शहरों से आए थे उनके लिए वापस घर पहुंचना मुमकिन नहीं था. सारी सेवाए बंद होने के बाद जो लोग विदेशों से और जो लोग देश के अलग-अलग राज्यों से आए थे सभी लोग मरकज में ही रुक गए. जैसा कि मोदी जी ने और दिल्ली सरकार ने आदेश दिया था कि किसी को भी कहीं आने जाने नहीं दिया जाए..प्रधानमंत्री ने अपील की थी कि जो जहां है वही रहे.... हमने भी उसी तहत प्रधानमंत्री के अपील को मानते हुए मरकज में आए सभी लोगों को वहीं पर रहने का आदेश दे दिया.

मरकज ने आगे बताया कि 24 मार्च को निजामुद्दीन थाने के एसएचओ ने नोटिस भेजकर धारा 144 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया इसके जवाब में मरकज ने कहा कि हमने कार्यक्रम को बंद कर दिया है और जो नहीं जा सकते उनको अंदर ही रखा गया है हम ने पुलिस को बताया कि बाहर निकालने में हमारी मदद करें पुलिस ने हमे एसडीएम से मिलने को कहा एसडीएम से 17 गाड़ियों के लिए कर्फ्यू पास मांगा गया ताकि लोगों को घर भेजा जा सके लेकिन कर्फ्यू पास जारी नहीं किया गया. दिक्कत तब शुरू हुई जब 30 मार्च को अचानक की खबर सोशल मीडिया में फैल गई कि क्रोना के मरीजों को मरकज में रखा गया है और टीम वहां पर रेड कर रही है हमने लगातार पुलिस और अधिकारियों को जानकारी दी हमारे यहां लोग रुके हुए हैं और हमारे पास पूरे सबूत है कि पुलिस को पूरी जानकारी थी.. किसी को भी बाहर हमने घूमने नहीं दिया और मरकज को भी बंद रखा.



मरकज से जुड़े मामले में साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा का कहना है कि हमने कार्यक्रम को रद्द और भीड़ न एकत्रित करने को लेकर मरकज को 23 मार्च और 28 मार्च को नोटिस दिया था ...डीसीपी का कहना है कि हमने उनसे आग्रह किया था कि इन दिनों कोरोना महामारी फैली है लिहाजा, कार्यक्रम को रद्द कर दिया जाए.लेकिन, नोटिस देने के बावजूद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साथ ही लॉकडाउन के आदेशों का भी उल्लंघन किया गया.उन्होंने कहा कि अब इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस कार्रवाई करेगी.


मरकज का जवाब इस बात का संदेश दे रहा है कि पुलिस वालों को इस बात की पूरी जानकारी थी, निजामुद्दीन के मरकज में कार्यक्रम चल रहा था. मगर दिल्ली पुलिस ने इस बात की जानकारी ना ही दिल्ली सरकार कुर्ती और ना ही गृह मंत्रालय को इस बात की जानकारी से परिचित करवाया निजामुद्दीन की पुलिस इस मामले को हल्के में लेते लेते पूरे भारत में कोरोनावायरस के मरीजों की तादाद बढ़ाने में मदद की गई है अगर वक्त रहते ही दिल्ली पुलिस कार्यक्रम को रुकवा कर कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों की जांच करवा कर सब करता भर्ती होती तो आज कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 2000 के पार नहीं पहुंचती जितनी संख्या थी मरकज में उतनी ही रुक जाती देश के कोने कोने तक नहीं फेल पाती.

अब यहां पर सवाल यह उठता है कि पुलिस वालों को इस बात की जानकारी तो थी कि मरकज में कई हजार लोग हाजिर हैं और वहां पर विदेशी नागरिक भी थे मगर पुलिस वालों ने अपनी बुद्धिमानी के आगे किसी की भी नहीं चलने दी लाकडाउन में पुलिस वाले बेलगाम लाठियों से लोगों का स्वागत कर रहे हैं यह पुलिस वालों की बुद्धिमानी है वर्दी वाला गुंडा बनने में इन पुलिस वालों का कोई मुकाबला नहीं है. क्योंकि भाई लोकडाउन है अब तो केवल पुलिस वालों की ही चलेगी उन्हीं का राज है. दिल्ली पुलिस की नासमझी की वजह से देश में वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद तो जरूर बढ़ेगी और पुलिस वालों का डंडा भी लोगों पर खूब चलेगा मगर आप भी अब पुलिस वालों को डंडा खाना छोड़ दीजिए क्योंकि जब गलती इन्हीं की वजह से हुई है तो जनता जनार्दन क्यों पुलिस वालों का डंडा खाए.

मगर इन पुलिस वालों की ही नासमझी की वजह से लाक डाउन सफल नहीं हो पाएगा इन्हीं की वजह से देश में कोने कोने तक मरकज के कार्यक्रम में गए लोगों की वजह से संक्रमण फेलेगा. निजामुद्दीन पुलिस थाने को ही सील कर देना चाहिए.. पुलिस थाने में विराजमान सभी पुलिस कर्मचारियों पर महामारी फैलाने की धारा लगाकर इन पर कार्रवाई करनी चाहिए निजामुद्दीन पुलिस पर देश में कोरोना वायरस फैलाने मैं और सब कुछ जानते हुए भी लापरवाही बरतने की वजह से इन पर एफ आई आर दर्ज होनी चाहि. क्योंकि यह थाना किसी काम का नहीं है इस पूरे थाने खास करके थाने के एसएचओ पर इस बात का आरोप लगना चाहिए कि इनकी वजह से ही भारत में क्रोना वायरस का संक्रमण ज्यादा बढ़ा है अगर एसएचओ ने भी वक्त रहते ही स्थिति को भाप लिया होता तो आज 2,000 से अधिक वायरस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या नहीं होती अगर हम लोग आरोप तबलीगी जमात पर लगा रहे हैं तो दिल्ली पुलिस पर भी आरोप लगना चाहिए क्योंकि उन्हीं की लापरवाही की वजह से वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी है.

मरकज में गए लोगों को सामने आना चाहिए इस बात की जानकारी पुलिस वालों को देनी चाहिए कि वह मरकज से आए हैं उनको अपनी जांच करवानी चाहिए जिससे वह अपनी जान बचा सके और दूसरों की भी बच सके..


Letsdiskuss


0
0

pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | पोस्ट किया



0
0

');