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आज यानी 18 मई का गूगल डूडल बहुत महान फारसी गणितज्ञ, साहित्यकार, कवि, चिंतक और ज्योतिर्विद उमर खय्याम के नाम है। उमर खय्याम के 971वें जन्मदिन पर गूगल ने एक नए कैलेंडर का आविष्कार करने वाली इस शख्सियत को याद किया है और अपने डूडल पर उनकी एनिमेटेड चित्रकारी लगाई है।
(courtesy-google)
उमर खय्याम उत्तर-पूर्वी फारस के निशापुर में जन्मे और उन्होनें इस्लामिक ज्योतिष को नई पहचान दी और समय देखने का तरीका बदलते हुए तारीख मलिकशाही, जलाली संवत या सेल्जुक संवत की शुरुआत की और अपना बड़ा योगदान दिया।
खय्याम की कविताएं या रुबाईयां (चार लाइनों में लिखी जाने वाली खास कविता) को 1859 के बाद ही प्रसिद्धि मिली, और लोग उन्हें एक बड़े कवी के रूप में जानने लगें। साहित्य के अलावा गणित में विशेष रुचि रखने वाले खय्याम ने ज्यामितीय बीजगणित की शुरुआत की और अल्जेब्रा से जुड़े इक्वेशंस के ज्यामिति से जुड़े हल प्रस्तुत किए।
अंतरिक्ष और ज्योतिष से जुड़ाव के चलते उमर खय्याम ने एक सौर वर्ष (लाइट ईयर) की दूरी दशमलव के छह बिन्दुओं तक पता लगाई। खय्याम ने इस आधार पर एक नए कैलेंडर का आविष्कार किया, जिसे ईरानी शासन ने उस वक्त जलाली कैलेंडर के तौर पर लागू किया।
खय्याम ने पास्कल के ट्राइएंगल और बियोनमियस कोइफीसिएंट के ट्राइएंगल और अल्जेब्रा में मौजूदा द्विघात समीकरण भी खय्याम ने ही दिया है। उनकी कविताएं जहां, 'उमर खय्याम के रुबैये' नाम से लोकप्रिय हुईं, वहीं अल्जेब्रा और संगीत पर उन्होंने कई लेख लिखी। अपनी पुस्तक 'प्रॉब्लम्स ऑफ अर्थमैटिक' में उन्होंने कई नए सिद्धांत भी लिखें |
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