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चलिए जानते हैं कि गांधी जी ने भगत सिंह को क्यों नहीं बचाया :-
मैं आपको बता दूं कि लाहौर की सेंट्रल जेल में फांसी के फंदे पर भगत सिंह सहित तीन नौजवान 23 मार्च 1931 को शाम को हंसते-हंसते झूल गए।
महात्मा गांधी इंग्लैंड से बैरिस्टर पढ़ कर आए थे वह जानते थे कि सारे सबूत भगत सिंह के खिलाफ है। और अंग्रेजी कानून के दायरे में उन्हें फांसी से बचाना मुश्किल है। इसके अलावा महात्मा गांधी यह भी जानते थे कि वाइसराय इर्विन को भी फांसी को रद्द करने का अधिकार नहीं है। यही वजह है कि महात्मा गांधी जी भगत सिंह जी को फांसी की सजा से नहीं बचा पाए थे।
चलिए जानते हैं कि आखिर भगत सिंह जी की क्या गलती थी कि उन्हें फांसी की सजा दी गई:-
मैं आपको बता दूं कि जब भगत सिंह जी की उम्र 24 वर्ष की थी तब उन्हें ब्रिटिश सरकार ने फांसी की सजा पर चढ़ा दिया था। इसके अलावा भगत सिंह के साथ राजगुरु और सुखदेव को भी सजा मौत की सुनाई गई थी. लेकिन जिस तरह अंग्रेज सरकार ने उन्हें अचानक फांसी दी और फांसी देने के बाद जैसा व्यवहार किया वह काफी विवादित रहा।
चलिए जानते हैं कि भगत सिंह को जेल क्यों हुई थी:-
मैं आपको बता दूं कि भगत सिंह जी और उनके साथियों को जेल इसलिए हुई थी क्योंकि उन्होंने अपने साथियों के साथ असेंबली में बम फेंक दिया था। इसी वजह से उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
चलिए मैं आपको बताती हूं कि भगत सिंह जी का नारा क्या था भगत सिंह जी का नारा था इंकलाब जिंदाबाद।
भगत सिंह जी को क्या-क्या पसंद था यहां पर मैं आपको बताऊंगी:-
मैं आपको बता दूं कि भगत सिंह को फिल्में देखना और रसगुल्ला खाना बहुत ही ज्यादा पसंद था।
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