मानव जीवन में श्राद्ध करना क्यों ज़रूरी है ? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language


English


A

Anonymous

digital marketer | पोस्ट किया | ज्योतिष


मानव जीवन में श्राद्ध करना क्यों ज़रूरी है ?


8
0




Content Writer | पोस्ट किया


हिन्दू धर्म में सभी पर्व का महत्व होता है और साथ ही सभी पर्व के लिए तिथि निर्धारित होती है । ज्योतिष के अनुसार कुंडली में आने वाले सभी दोषों में से पितृ दोष बहुत ही कठिन दोष कहलाता है । मान्यता है कि भगवान रूठ जाएं तो वो आपका एक निश्चित समय तक बुरा कर सकते हैं परन्तु पितृ रूठ जाते हैं तो वह आपके जीवन में अनिश्चित समय तक समस्या का कारण बन सकते हैं ।


Letsdiskuss Prabhasakshi


अब बात करते हैं कि श्राद्ध करना क्यों जरुरी होता है ?

श्राद्ध "श्रद्धा" शब्द से बना है, श्राद्ध का मतलब श्रद्धा होता है, जो पित्रों के लिए होती है । ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध के दिनों में पितृ धरती पर होते हैं और हमारे द्वारा की गई पूजा और उनको लगाया गया भोग उन्हें प्राप्त हो जाता है । जैसा कि इस धरती में 2 चीज़ें पूर्णतः सत्य होती है मनुष्य का जन्म लेना और और उसकी मृत्यु । किसी भी इंसान की जन्म तारीख और मरण तारीख याद रखना मानव स्वाभाव होता है । पित्रों को याद करने व उनकी मुक्ति के लिए श्राद्ध मनाया जाता है ।

वैसे तो श्राद्ध 15 दिन के होते हैं, परन्तु श्राद्ध में एक पूर्णिमा भी जोड़ लिया जाता है । पूर्णिमा इसलिए जोड़ा जाता है क्योकि जो लोग पूर्णिमा के दिन इस इस धरती से विदा हुए हैं उनका श्राद्ध, या जिन लोगों के मरने की तिथि का पता न हो उन लोगों का श्राद्ध पूर्णिमा के दिन मान कर पूजन किया जाए और उन्हें पितृ भोग दिया जाए तो वह उन्हें प्राप्त हो जाता है ।

श्राद्ध का महत्व :-
श्राद्ध में की गई पूजा से हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ ऋण से भी मुक्ति मिलती है। पित्रों का तर्पण और उनका पिंडदान न किया जाए तो पित्रों की आत्मा धरती पर भटकती रहती हैं,श्राद्ध करने से पित्रों को मुक्ति मिलती है और उनकी आत्मा को शांति भी मिलती है । इसलिए मानव जीवन में श्राद्ध का बहुत बड़ा महत्व है ।


4
0

| पोस्ट किया


श्राद्ध हिंदू एवं और भारतीय धर्म में किया जाता है.। पितृपक्ष के दिनों में हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं ऐसा माना जाता है उन्हीं के लिए श्राद्ध किया जाता है हमारे द्वारा की गई पूजा बनाया गया भोजन उन्हें प्राप्त होता है। धरती पर दो चीजें निश्चित होती हैं मनुष्य का जन्म लेना और मनुष्य की मृत्यु। किसी भी इंसान की जन्म तारीख और मृत्यु तारीख याद रखना मनुष्य का स्वभाव होता है। इसी तरह पित्रो को याद करने के लिए उनकी मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पित्रो का तर्पण या उनका पिंडदान ना किया जाए तो उनकी आत्मा पृथ्वी पर भटकती रहती है। इसीलिए उनकी आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान किया जाता है श्राद्ध किया जाता है।Letsdiskuss


4
0

');