मंदिर केअन्दर जाने से पहले घंटी क्यों बज...

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| Updated on August 18, 2023 | Astrology

मंदिर केअन्दर जाने से पहले घंटी क्यों बजाई जाती है?

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@rudrarajput7600 | Posted on April 22, 2020

हम आज एक अलग कारण से मंदिर में घंटी बजाते हैं, हालांकि मंदिर के आसपास के लोगों का ध्यान खींचने और लोगों को प्रार्थना के लिए संकेत देने और आमंत्रित करने के लिए इसे बहुत पहले शुरू किया गया था। प्राचीन तमिलों ने छह बार प्रार्थना (24 घंटे की समय सीमा में) शुरू की। प्रार्थनाओं में से प्रत्येक (जिसे पोओसाई कहा जाता है) तमिल प्रणाली में हर दिन छह छोटे अंतराल "अरू काला पोसाई" वे करते हैं:
वैकरई (सुबह 2 से 6 बजे) पूजा का समय: सुबह 6 बजे
कलाई (सुबह 6 से 10 बजे) पूजा का समय: सुबह 8 बजे
नानपहाल (सुबह 10 से दोपहर 2 बजे) पूजा का समय: दोपहर 12 बजे
इरपाडु (दोपहर 2 से शाम 6 बजे) पूजा का समय: शाम 4 बजे
मलाई (शाम 6 से 10 बजे) पूजा का समय: शाम 6 बजे
यम (रात 10 बजे से 2 बजे) पूजा का समय: रात 10 बजे
इस दौरान मंदिर की घंटी बजाकर ग्रामीणों को सचेत किया जाता है।
इस तरह से समय को तमिल में "मणि" कहा जाता है और इसका मतलब घंटी भी है।
इसी तरह तेलुगु में इसे "गंटा" (समय के लिए) कहा जाता है और इसका मतलब घंटी भी है।
इसी तरह हिंदी / संस्कृत में इसे "घडी" (समय के लिए) और घण्टा का अर्थ घंटी कहा जाता है।
हम मंदिरों में घंटी बजाते हैं, क्या यह प्रभु को जगाने के लिए है?
लेकिन प्रभु कभी सोते नहीं हैं।
क्या यह पता है कि प्रभु हम आ गए हैं?
उसे बताने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह सब कुछ जानता है।
यह भी कहा जाता है कि भक्त अपने पवित्र गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति मांगने के लिए भगवान का द्वार खटखटाते हैं।
यह एक घर वापसी है और इसलिए प्रवेश की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। प्रभु हर समय हमारा स्वागत करता है। फिर हम घंटी क्यों बजाते हैं?
मैं इस घंटी को देवत्व के आह्वान का संकेत देता हूं, ताकि पुण्य और महान बल (मेरे घर और दिल) में प्रवेश करें और राक्षसी और अनिष्ट शक्तियां भीतर से और बिना, विदा हो जाएं। बेल में एक खोखला इंटीरियर होता है और इसमें एक स्पर्श होता है जो ध्वनि बनाता है। एक मंदिर की घंटी या घण्टा, आकाश और पृथ्वी के बीच की खाई का प्रतीक है।
घंटी बजना एक शुभ ध्वनि के रूप में माना जाता है जो पैदा करता है। यह भगवान के सार्वभौमिक नाम ध्वनि ओम का उत्पादन करता है। भगवान के दर्शन के बिना और भीतर शुभता होनी चाहिए, जो कि सभी शुभ है।
अनुष्ठान आरती करते समय भी हम घंटी बजाते हैं। यह कभी-कभी शंख और अन्य संगीत वाद्ययंत्रों की शुभ ध्वनियों के साथ होता है। घंटी, शंख और अन्य वाद्य बजाने का एक और महत्व यह है कि वे किसी भी अशुभ या अप्रासंगिक शोर और टिप्पणियों को डूबने में मदद करते हैं जो उपासकों को उनकी भक्तिपूर्ण ललक, एकाग्रता और आंतरिक शांति में परेशान या विचलित कर सकते हैं।
जैसा कि हम दैनिक अनुष्ठान पूजा (पूजा) शुरू करते हैं, हम घंटी बजाते हैं,

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@panditayush4171 | Posted on April 22, 2020

हिन्दू धर्म में अक्सर ऐसा होता है कि कोई भी पूजा शुरू करना हो तो उससे पहले शंख और घंटी बजाई जाती है| जब हम मंदिर जाते हैं उस वक़्त भी घंटी बजाते हुए ही मंदिर में प्रवेश करते हैं| हम ये तो जानते हैं कि मंदिरों में घंटी लगी होती है जिसको बजाते हुए ही हम मंदिर में प्रवेश करते हैं पर क्या हम यह जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है?


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आज हम आपको बताते हैं कि मंदिर के अन्दर जाने से पहले घंटी क्यों बजाई जाती है|


सबसे पहले हम इस बारे में आपको बताते हैं कि मंदिर की घंटियाँ कितने प्रकार की मानी गई है:


मंदिर में घंटियों के प्रकार को चार भागों में बांटा गया है-


1. गरूड़ घंटी,


2. द्वार घंटी,


3. हाथ घंटी,


4. घंटा


गरूड़ घंटी :


गरूड़ घंटी छोटी-सी होती है जिसको सामन्यतः घर में रखा जाता है और जिसको आसानी से हाथ से बजाया जा सकता है।


द्वार घंटी :


यह घंटी द्वार पर लटकी होती है और अगर इसके आकार की बात करें तो यह बड़ी और छोटी दोनों हो सकती है|


हाथ घंटी :


यह पीतल की ठोस एक गोल प्लेट जैसी होती है जिसको लकड़ी के एक गट्टे से थोक कर बजाय जाता है|


घंटा :


यह बहुत बड़ा होता है, इसका अकार कम से कम 5 फुट लंबा और चौड़ा| इसको बजाने की आवाज कई दूर तक सुने दित है|


मंदिर में घंटी बजाने के धार्मिक कारण देखा जाए तो इसकी ध्वनि आस-पास की नकारात्मक चीजों को हटा देती है| जिन स्थानों पर घंटी बजने की आवाज रोजाना आती है वहाँ का वातावरण शुद्ध होता है|


घंटी बजाने का धार्मिक कारण:


पहला- घंटी बजाने से देवी-देवताओं के सामने आपकी हाजिरी लग जाती है| मान्यता कहती है कि जब हम घंटी बजाकर मंदिर के प्रवेश करते हैं तो इससे मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है और जब हम पूजन करते हैं तो उसका फल अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है|


दूसरा- घंटी की मनमोहक ध्वनि मन और मस्तिष्क को अध्यात्म भाव की तरफ ली जाती है और जो भगवान के प्रति और अधिक आस्था का प्रतीक होती है| मंदिर में घंटी बजाने से मनुष्य के पापों का नाश हो जाता है|


तीसरा – घंटी की आवाज सुनकर मन भगवान के प्रति इतना मोहित हो जाता है कि हमें भगवान की साक्षात् छवि दिखाई देने लगती है|


आपको एक और खास बात बता दें कि घंटी बजाने के सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है | वैज्ञानिकों का कहना है कि जब भी मंदिर में घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में एक कंपन पैदा होता है, जो काफी दूर तक जाती है| इस कंपन की वजह से क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव जो वातावरण को खराब कर सकते हैं सब खत्म हो जाते हैं|


तो यह है मंदिर में घंटी बजाने के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण|


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@krishnapatel8792 | Posted on January 23, 2022

आज हम आपको बताते हैं कि जब भी हम मंदिर के अंदर जाते हैं तो सबसे पहले प्रवेश द्वार पर पहुंच कर घंटी बजाते हैं क्योंकि घंटी बजाने से ऐसा माना जाता है कि देवता जागृत होते हैं और आपकी प्रार्थना सुनते हैं और घंटी बजाने से देवताओं के सामने आपकी हाजिरी लग जाती है।

घंटे की ध्वनि मनमोहक और कर्णप्रिय होती है मन घंटी की आवाज सुनकर शांति का अनुभव करता है घंटी बजाने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं सुबह और शाम जब भी मंदिर में पूजा होती है तो एक लय और विशेष धुन से घंटियां बजाई जाती हैं।Loading image...

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@setukushwaha4049 | Posted on December 27, 2022

सुबह-शाम मंदिरों में जब पूजा-आरती के लिए मंदिर के अंदर जाते है तो एक विशेष लय और धुन के साथ छोटी-बड़ी घंटियां बजाई जाती हैं। मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है, जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना करने से अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाते है।

पुराणों के अनुसार, मंदिर में घंटी बजाने से इंसान के कई जन्मों के पाप दूर हो जाते है, कई लोग कहते हैं कि जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ, तब जो नाद (आवाज) गूंजी थी, वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। घंटी उसी नाद का प्रतीक माना जाता है।

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@preetipatel2612 | Posted on December 27, 2022

हमारे हिंदू धर्म में शंख, घड़ियाल, घंटी बजाने का बहुत ही महत्व होता है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के अंदर जाने से पहले घंटी बजानेसे उसमंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत उत्पन्न होती है।जिसके बाद अगर कोई व्यक्ति उनकी पूजा और आराधना करता हैैैै तो उन्हें उनकी पूजा अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है। घंटी बजाने से व्यक्ति को उसकी ध्वनि भगवान के प्रति जोड़ती है। इसके आलावा घंटी की ध्वनि मन-मस्तिष्क को अध्यात्म भाव की ओर ले जाने का कार्य रखती है।Loading image...

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@vandnadahiya7717 | Posted on August 18, 2023

दोस्तों आप जब कभी भी मंदिर गए होंगे तो आपने देखा होगा कि मंदिर के अंदर जाने से पहले घंटी बजाई जाती है। तो मंदिर के अंदर जाने के पहले घंटी क्यों बचाई जाती हैं चलिए हम आपको यह पोस्ट में बताएंगे जब घंटी बजती है तो मंदिर के आसपास एक अलग सा वातावरण छा जाता है वहां आसपास जो भी नकारात्मक ऊर्जा रहती है वह सब नष्ट हो जाती है और वहां एक शुद्ध वातावरण हो जाता है ऐसा भी कहा जाता है कि जब घंटी बजाई जाती है उसे देवी देवता प्रसन्न होते हैं इसीलिए आरती के दौरान घंटियां बजाई जाती हैं।

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