एक सर्वे के अनुसार मालूम चला है की महिलाओं की अपेक्षा में पुरुषों को ज्यादा नींद आती है और गलत तरीके और गलत समय पर सोना शरीर में मधुमेह, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी खरतरनाक बीमारियों को आमंत्रण देने जैसा है जो हमारे जीवनशैली को पूरी तरह से ख़राब कर सकता है |
(courtesy-Travel + Leisure)
आज कल के भाग दौड़ और व्यस्त जीवन में लोगों के पास सही समय पर खाने पीने का भी समय नहीं है, और उससे भी बुरी बात यह है की हम सभी कंप्यूटर और मोबाइल जैसी तकनीकों में पूरा समय लगें रहते है, जिससे दिनचर्या के कामों पर असर होता है और व्यक्ति आलस महसूस करने लगता है |
इन्ही सब कारणों की वजह से लोग 6 से 8 घंटे की नींद पूरी करना भूल जाते है | जिसकी वजह से कई लोग स्लीपिंग डिसऑर्डर ( नींद न आने की बीमारी ) से ग्रस्त हो जाते है और पूरी पूरी रात जागे रहते है |
- हाल ही में स्लीपिंग डिसऑर्डर से जुड़े एक सर्वे में चौकाने वाली बातें सामने आयी है, GOQii India की World Sleeping Day पर आयी एक रिपोर्ट के अनुसार जो लोग सही ढंग से अपनी नींद पूरी नहीं करते है वही लोग 80 % 'मधुमेह, हार्ट डिजीज ,हाई ब्लड प्रेशर और स्लीपिंग डिसऑर्डर जैसी परेशानियों का सामना सबसे ज्यादा करते है |
- इस रिपोर्ट के अनुसार GOQii India ने न्यूट्रीशन्स, पानी, तनाव, नींद, धूम्रपान और शराब की खपत के आधार पर लिंग और प्रमुख शहरों के अनुसार वर्गीकृत करके कुछ ग्रुप बनाए थे. जिसमें महिलाओं और पुरुषों के स्लीप पैटर्न का एनालिसिस किया गया जिससे पता चला की महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा कम नींद लेती हैं और पुरुष महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा सुकून से सोते हैं |
- अगर इस रिपोर्ट की तुलना पिछले साल से किया जायें तो पिछले साल की तुलना में कुल नींद 6.54 से बढ़कर 6.85 घंटे हो गई है |
- कोलकाता को पीछे छोड़ते हुए चेन्नई नींद के मामले में आगे निकल कर पहली रैंक पर आ गया है, जिसमें कुल नींद 6.31 घंटे
से बढ़कर 6.93 घंटे है |
- इस रिपोर्ट में ऐसा बताया गया है की नींद से जागने पर मात्र 19% लोग ताजगी महसूस करते हैं |
- पुरुषों को महिलाओं से थोड़ी ज्यादा मात्रा में नींद आती है |
- 55% किशोरों ने कहा कि उन्हें गहरी नींद आती है, जबकि सीनियर्स में केवल 21% ने ही ऐसा कहा.