आपको जान कर हैरानी होगी की यह एक नयी बीमारी है जिसका वक़्त पर इलाज़ न करवाया गया तो आगे चल कर गंभीर और खतरनाक रूप ले लेती है | इस बीमारी के लक्षण सबसे पहले सिंगापुर में देखें गयें थे, जिसके बाद से डॉक्टर्स और रिसर्चर्स ने इसके बारें में पता करना शुरू कर दिया जिसके बाद साल 2018 में इस बीमारी के लक्षण कुछ - कुछ इंग्लैंड के लोगों में भी देखें गए |
अगर साधारण भाषा में कहा जाये तो मंकीपॉक्स के वायरस को आप स्मॉलपॉक्स के वायरस जैसा समझ सकते है। हालांकि इस बीमारी को अभी घातक नहीं कह सकते लेकिन कुछ मामलों में यह जानलेवा साबित हो सकती है।
(courtesy-In Pharma Technologist
)
इस बीमारी का मुख्य कारण यह है कि यह वायरस या बीमारी बुशमीट यानी भोजन के तौर पर खाए जाने पर गैर-पालतू जानवरों और पक्षियों से होती है और दक्षिण अफ्रीका में एक माहमारी का रूप ले चुकी है। वैसे यह वायरस आमतौर पर अफ्रीका के जंगली जानवरों से स्थानीय लोगों को ही फैलता है। लेकिन जब कोई संक्रमित स्थानीय व्यक्ति अफ्रीका से बाहर अन्य देश जाता है तो यह वायरस उस व्यक्ति के साथ अन्य जगहों पर फैल सकता है। मंकीपॉक्स का वायरस सबसे पहले मनुष्यों में 1970 में पाया गया था। इससे पहले यह 1958 में लैब में परीक्षण के लिए लाए गए बंदरों में पायी गई।
मंकीपॉक्स के लक्षण
- मंकीपॉक्स वायरस के मुख्य लक्षण में हल्का बुखार, तेज सिरदर्द, लिंफ नोड पर सूजन, कमर में दर्द, मांसपेशियों में अकड़न और दर्द होता है।
- आप ऐसा महसूस करेंगे की आपके शरीर की ऊर्जा बिलकुल खत्म हो गयी है, आप कुछ भी काम करने में खुद को असमर्थ महसूस करेंगे |
- इसके अलावा आप देखेंगे कि आपके शरीर पर लाल रंग के चकते पड़ जाते हैं, जो समय के साथ घाव का रूप ले लेते हैं |