कोरोना वायरस ने दुनिया को अपना अपने घर में कैद कर दिया है जिस वजह से नौकरी करने की तो दूर की बात रही घरों से भी नहीं निकला जा सकता है बिना काम के हर किसी के मन में एक सवाल होता है कि इसी तरह खाली बैठे कितने समय तक हमें रहना पड़ेगा और अगर हम ऐसे ही रहेंगे तो राशन के लिए पैसा कहां से आएगा.आपकी इन्हीं सब परेशानी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की है. हालांकि इसमें बहुत ही खामियां भी हैं इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) की वजह से कर्मचारियों को नौकरी से न हटाया जाए और न ही उनकी सैलरी काटी जाए. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव की ओर से ये एडवाइजरी जारी की गई है.
अगर कोई कर्मचारी कोरोना वायरस संकट के कारण छुट्टी लेता है तो भी उसके ड्यूटी पर आने जैसा ही माना जाए और इसके तहत उसकी सैलरी नहीं काटी जाए. अगर कोई दफ्तर इस आफत के कारण बंद होता है तो ये माना जाए कि उसके कर्मचारी ड्यूटी पर हैं.
सरकार ने सभी राज्यों को यह आदेश तो दे दिए कि प्राइवेट नौकरी वालों को तनख्वाह मिलेगी और उनकी पगार नहीं काटी जाएगी. मगर यह नही बताया कि जो कंपनियां है वह पैसा कहां से लाकर देगी. जब कंपनी ही बंद होगी तो कंपनी वालों के पास पैसा कहां से आएगा. इस बात को लेकर सरकार ने कोई भी जिक्र नहीं किया है.
सिर्फ आदेश देने से इस समस्या का हल नहीं हो सकता इसके लिए सरकार को जल्द ही आर्थिक सहायता की घोषणा करनी चाहिए. सभी कंपनियों को आदेश देकर सरकार ने अपना तो किनारा कर लिया है. मगर कंपनियों को किसी भी तरह से आर्थिक सहायता देने की बात नहीं की है. सरकार का आदेश ऐसा लगता है जैसे हवा में तीर चला दिया गया हो.
