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रात मे बार -बार नीद का टूटना स्लीप एपीनिया का लक्षण हो सकता है यह एक तरह की बीमारी होती है, जिस किसी को भी स्लीप एपीनिया की बीमारी हो जाती है उसकी नीद अक्सर रात मे 5-6 बार खुलती है और वह रातभर करवटे बदलता रहता है। यह बीमारी बहुत खतरनाक होती है, आपको भी रात मे नीद नहीं आती है, तो एक बार डॉक्टर से
डिस्कस जरूर करे ताकि आप भी आगे चलकर स्लीप एपीनिया बीमारी का शिकार होने से बच सके। जो लोगस्लीप एपीनिया बीमारी की चपेट आ जाते है, उनको तो कभी -कभी रात मे सांस लेने मे भी दिक्कत होने लगती है।स्लीप एपीनिया बीमारी पुरुषो मे 19.7%तथा महिलाओ मे 7.4% तक होती है, लेकिन यह बीमारी पुरुषो की अपेक्षा महिलाओ मे अधिक मात्रा मे होती है।
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रात में सोते वक्त बार-बार नींद टूटने का कारण स्लीप एपनिया यानी कि नींद से जुड़ी एक गंभीर बीमारी होती है जिसके कारण रात में सोते वक्त बार-बार हमारी नींद टूट जाती है और हम करवटें बदलते रहते हैं पूरे देश में 13 फीसदी आबादी स्लीप एपनिया के बीमारी से पीड़ित है और यह बीमारी अधिकतर महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है। जब किसी व्यक्ति को यह बीमारी होती है तो 1 घंटे में 30 या इससे ज्यादा बार सांस रुकना करवटें बदलने जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अगर आपको सुबह सिर में दर्द होता है और दिन में नींद अधिक आती है तो आपको भी एपनिया की बीमारी हो सकती है ।
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* अक्सर हमारी रात में नींद टूटने का कारण हमारा मानसिक तनाव भी होता है या फिर कटस्ट्रोफिसिंग ! यह एक ऐसी बीमारी होती है जिसके कारण रातों में नींद बार-बार टूटती है ! नाइट ड्रेड नामक बीमारी होने के कारण भी हमारे रातों की नींद टूटती है ! इस बीमारी होने के कारण अक्सर व्यक्ति रात में उठ कर बैठ जाता है! अगर यह बीमारी किसी व्यक्ति को लंबे समय तक रहती है तो उस व्यक्ति मे केवल एजिंग की समस्या होती है बल्कि उसके अंदर बहुत सारी बीमारियां भी उत्पन्न होने लगती हैं !
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