विषकन्या कौन है आइये जानते है लोक कथा और वैदिक ग्रंथों में प्राचीन काल से विषकन्या का प्रयोग राजा लोग अपने शत्रु को खत्म करने के लिए प्रयोग करते थे I प्राचीन काल में राजा लोग़ किसी रूपवती कन्या को बचपन से थोड़ी अल्प मात्रा में विश देते थे I और विषैले वृक्ष और विषैले प्राणियों के बीच विष कन्या को छोड़ दिया जाता था ताकि वह अभ्यास कर सकें I
विष कन्या के होने का इतिहास _
विष कन्या एक लड़की होती है I प्राचीन काल में प्राचीन ग्रंथों में भी विष कन्या का उल्लंघन मिलता है I 12 शताब्दी मे रचित 'कथासरितसागर ' के अंदर विष कन्या का उल्लंघन मिलता है I नंद वंश के राजा मलक्यूत को मरने के लिये चाणक्य ने विष कन्या का प्रयोग किया था I चंद्रगुप्त मौर्य ने राज्याभिषेक के लिए एक आयोजन प्रस्तुत किया था, जिसमें नाचने के लिए कुछ डांसर को बुलाया था, उनमें से छिपकर एक विषकन्या भी आ गई थी, बहुत ही खूबसूरत कन्या थी I विश्व कन्या का डांस देखकर मलक्यूत्त बहुत लोभप्रिय होगये उससे I चाणक्य ने कहा यह कन्या आपको अकेले मे डांस दिखाएगी, फिर मलक्यूत उस कन्या के साथ अंदर गये और वह उनको अपने जहर से डास दिया और उनकी मौत होगई I विषकन्या शत्रु को मारने के लिए खाने में अपनी लार ज़हर के साथ मिला देती थी, जिससे शत्रु की मौत हो जाती थी I विष कन्या अपने शत्रुयों खत्म करने के लिये कई रूप धारण करलेती थी और उस पर कोई सक नहीं करता था I
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(Source :- Google)