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आप जानते हैं विषकन्या क्या होती है, और इनके होने का क्या इतिहास है, शायद आपको इसकी जानकारी नहीं होगी तो कोई बात नहीं आज हम आपको इस लेख में बताते हैं कि विषकन्या क्या होती है और उनके होने का क्या इतिहास है इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं। सबसे पहले हम यह जानते हैं कि विषकन्या क्या होती है।
विषकन्या :- विषकन्या एक लड़की होती है, इसका उपयोग किसी शत्रु का नाश करने के लिए राजा महाराजा करते थे। जैसा कि आप विषकन्या सीरियल के अंदर देखते हैं, विषकन्या के शरीर के अंदर जहर होता है। हम यह दूसरी भाषा में कह सकते हैं कि विषकन्या को जहरीली बना दिया जाता है।जिसकी वजह से जब कोई व्यक्ति उनके संपर्क में आता है।तो उसकी मौत हो जाती है।हालांकि विषकन्या जन्म से ही विषलिए हुए नहीं होती है। वरन उसको बाद मे विष के प्रति प्रतिरोधी बनाया जाता है।
अब हम आपको बताते हैं विषकन्या के इतिहास के बारे में-
विषकन्या का प्रयोग प्राचीन राजा करते थे।प्राचीन ग्रंथो के अंदर भी विषकन्या का उल्लेख मिलता है। 12वीं शताब्दी में रचित 'कथासारितसागर के अंदर विषकन्या का उल्लेख मिलता है। शुभबाहुउत्तरी कथा के अंदर भी विषकन्या का उल्लेख मिलता है। नंद वंश के राजा मलक्यूत को करने के लिए चाणक्य ने विषकन्या का प्रयोग किया जाता था।चंद्रगुप्त के राज्याभिषेक के समय वहां पर एक भव्य आयोजन किया गया था । और वहां नाचने वाले भी आए थे । इन नाचने वालों के अंदर एक विषकन्या भी आई थी । जो देखने मे काफी खूबसूरत थी। लेकिन चाणक्य ने किसी तरह से विचार बदलाव दिया और मलक्यूत को उसका डांस अकेले में देखने के लिए राजी कर लिया।उसके बाद उसे विषकन्या ने अपने जहर से राजा को खत्म कर दिया।
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शायद आप नहीं जानते होंगे कि विषकन्या क्या है और उनके होने का इतिहास क्या है आपको इसकी जानकारी नहीं होगी तो चलिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं।
विषकन्या क्या है:- अक्सर लोक कथा और इतिहास में पढ़ने के लिए विषकन्या का जिक्र अवश्य मिलता है।हम आपको बता दें कि विषकन्या उसे कहते हैं जिसे बचपन से ही थोड़ा-थोड़ा विष देकर जहरीला बनाया जाता है।पुराने समय में राजाओं और महाराजाओं के पास विषकन्या हुआ करती थी। जिनका काम होता था सबसे खतरनाक दुश्मनों को मारना।इन विषकन्याओं को विषैले वृक्ष और जीव-जंतुओं के बीच रहने का अभ्यस्त बनाया जाता था. इस के साथ ही उन्हें उन्हें नृत्य-गीत, साहित्य, सजने-संवरने और लुभाने की कला में पारंगत बनाया जाता था।विषकन्याओं को सभी प्रकार के छल विद्याओं का अभ्यास करवाया जाता था। ताकि विषकन्या छल करके दुश्मनों को मार सके।
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विषकन्या कौन है आइये जानते है लोक कथा और वैदिक ग्रंथों में प्राचीन काल से विषकन्या का प्रयोग राजा लोग अपने शत्रु को खत्म करने के लिए प्रयोग करते थे I प्राचीन काल में राजा लोग़ किसी रूपवती कन्या को बचपन से थोड़ी अल्प मात्रा में विश देते थे I और विषैले वृक्ष और विषैले प्राणियों के बीच विष कन्या को छोड़ दिया जाता था ताकि वह अभ्यास कर सकें I
विष कन्या के होने का इतिहास _
विष कन्या एक लड़की होती है I प्राचीन काल में प्राचीन ग्रंथों में भी विष कन्या का उल्लंघन मिलता है I 12 शताब्दी मे रचित 'कथासरितसागर ' के अंदर विष कन्या का उल्लंघन मिलता है I नंद वंश के राजा मलक्यूत को मरने के लिये चाणक्य ने विष कन्या का प्रयोग किया था I चंद्रगुप्त मौर्य ने राज्याभिषेक के लिए एक आयोजन प्रस्तुत किया था, जिसमें नाचने के लिए कुछ डांसर को बुलाया था, उनमें से छिपकर एक विषकन्या भी आ गई थी, बहुत ही खूबसूरत कन्या थी I विश्व कन्या का डांस देखकर मलक्यूत्त बहुत लोभप्रिय होगये उससे I चाणक्य ने कहा यह कन्या आपको अकेले मे डांस दिखाएगी, फिर मलक्यूत उस कन्या के साथ अंदर गये और वह उनको अपने जहर से डास दिया और उनकी मौत होगई I विषकन्या शत्रु को मारने के लिए खाने में अपनी लार ज़हर के साथ मिला देती थी, जिससे शत्रु की मौत हो जाती थी I विष कन्या अपने शत्रुयों खत्म करने के लिये कई रूप धारण करलेती थी और उस पर कोई सक नहीं करता था I
(Source :- Google)
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