मुझे ऐसा लगता है, शायद यह लागत मंत्रियों और राजनीतिक नेताओं को नागरिकों से नज़दीकियां बनाए रखने के लिए सहन करना होगा | मिर्च पाउडर, चप्पल, स्याही, थप्पड़…..ना जाने क्या-क्या सहना होगा |
निश्चित रूप से, यह ऐसा कुछ नहीं है, जो बीजेपी या कांग्रेस नेता कभी समझेंगे।
एक मुख्यमंत्री पर हमला किया गया - और वो भी सचिवालय में, एक ऐसी जगह जिसे सबसे सुरक्षित माना जाता है | यह आम आदमी पार्टी और उसके समर्थकों के लिए सही नहीं | राजनीतिक रुख को अगर दूर कर लिया जाएं तो यह किसी के मनोबल के लिए बहुत अपमानजनक है। जहाँ राज्य में ऐसे हमलों से एक मुख्यमंत्री सुरक्षित नहीं है - तो यह सोचिये कि नागरिक कितने सुरक्षित हैं? यह हमलावर की आशंका को भी रेखांकित(Underline) करता है। अरविंद केजरीवाल पर मिर्च पाउडर हमला, वो भी परिणामों के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानने के बाद भी |
हालांकि इस बात का अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है कि इस तरह का हमला क्यों हुआ |वैसे इस बात के लिए राजनीतिक उद्देश्यों को पीछे रखना मुश्किल नहीं है। राजनीती में इस तरह की घटना को साधारण और मजाक के रूप में लिया जा रहा है, जबकि यह गलत है, क्योकि इस तरह की घटना होना राजनीती में गलत कामो को बढ़ावा ही देती है |
इस बात को भूलना नहीं कि पूरी घटना का सबसे परेशान हिस्सा यह है कि अरविंद केजरीवाल पर मिर्च पाउडर हमले के बाद, दिल्ली पुलिस ने कहा की जांच चल रही हैं, और हमला करने वाला "अनजान व्यक्ति" था | कुछ बातों से यह पता चलता है, कि हमलावर मुख्यमंत्री के पैरों को छूने के लिए आया था |मिर्च पाउडर चमत्कारिक रूप से उसके हाथ में दिखाई दी | उसने मिर्च पाउडर मुख्यमंत्री केजरीवाल के चेहरे पर उड़ा दिया |
अगर यह सच में जादुई मिर्च पाउडर का मामला है, तो इसके लिए पुलिस बल जांच के अलावा कोई और असाधारण टीम को भी यह मामला सौंपना चाहिए था |
पूरी घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, और हर किसी को राजनीतिक दाव पेंच की तरफ झुकाव के बावजूद भी इस घटना की सामूहिक रूप से आलोचना करना चाहिए।

(Courtesy : Hari Bhoomi )
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