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क्या अरविंद केजरीवाल जेल से दिल्ली सरकार...

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| Updated on July 29, 2024 | others

क्या अरविंद केजरीवाल जेल से दिल्ली सरकार चला सकते हैं?

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@amankumar6752 | Posted on May 31, 2024

दोस्तों जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले के लिए तिहाड़ जेल में बंद किया गया है। अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी (AAP) नेता है और दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैं। ऐसे में केजरीवाल के जेल चले जाने के बाद सरकार चलाने और मुख्यमंत्री पद को किसके द्वारा संभाल जाएगा यह सवाल उठकर सामने आ रहा है। आम आदमी पार्टी के नेताओं की माने तो उनका कहना है कि अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में रहकर ही सरकार को चलाएंगे। उनके जेल जाने से सरकार या मुख्यमंत्री पद को कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन विशेषज्ञों की माने तो जेल में रहकर सरकार चलाना बहुत मुश्किल काम है।

 

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से नहीं चला सकते सरकार इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:-

1) अरविंद केजरीवाल द्वारा जेल से सरकार चलाने में सबसे बड़ी मुश्किल या है कि NCT दिल्ली एक्ट के अनुसार दिल्ली में किसी भी नए फैसले अथवा किसी भी काम से संबंधित फाइलें केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को मुख्यमंत्री के अलावा और कोई नहीं भेज सकता। ऐसे में अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में रहेंगे तो कोई भी नए फैसले से संबंधित फाइलें केंद्र सरकार तक नहीं पहुंच पाएंगे जिसके कारण दिल्ली की प्रशासन व्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

 

2) अरविंद केजरीवाल कोई आम नेता नहीं बल्कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री है और मुख्यमंत्री अपने पूरे मंत्रिमंडल का मुखिया होता है। सभी सरकारी फाइलें मुख्यमंत्री के देखने के बाद ही आगे बढ़ती है। सरल शब्दों में कहे तो सारे सरकारी कामों पर फैसला मुख्यमंत्री द्वारा ही लिया जाता है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री होकर केवल जरूरी न्यायिक कागजों तथा दस्तावेजों पर जेल प्रशासन और अपने वकील की अनुमति के जरिए हस्ताक्षर कर सकते हैं लेकिन उन्हें सभी सरकारी फाइलों को देखना या उन पर हस्ताक्षर करना जेल में रहकर मुमकिन नहीं होगा।

 

3) जेल में रहने के कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रिमंडल से मिल नहीं सकते तथा उनके साथ बैठकर किसी फैसले पर विचार विमर्श भी नहीं कर सकते। ऐसे में ना तो वह कोई सरकारी आदेश पारित कर सकते हैं ना ही दिल्ली की आम जनता के लिए किसी प्रकार का कोई नया फैसला ले सकते हैं। जेल में फोन की सुविधा भी न होने के कारण वह किसी से फोन पर भी बात नहीं कर सकते इसीलिए जेल में रहकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सरकार चलाना बेहद नामुमकिन है।

 

 

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ईडी के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आए हैं ईडी ने अदालत में यह कहा कि केजरीवाल गैर कानूनी काम से कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने की साजिश में मिले हुए थे और इस लाभ के बदले उन्होंने शराब व्यवसाइयों से रिश्वत की मांग की थी। आम आदमी पार्टी ने चुनाव के दौरान गोवा विधानसभा चुनाव में इस अपराध के पैसों का इस्तेमाल किया तथा इन सभी आरोप के दोषी अरविंद केजरीवाल हैं क्योंकि मुख्य निर्णयकर्ता अरविंद केजरीवाल ही थे। इसी कारण से अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में भेजा गया है तथा तिहाड़ जेल में रहकर उनका सरकार चलाना बेहद नामुमकिन है जिसके बारे में ऊपर हमने आर्टिकल में विस्तारपूर्वक समझाया है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के पास केवल दो विकल्प रहते हैं।

 

पहला विकल्प यह है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे और इस्तीफे के बाद विधायक दल का नया नेता चुना जाए तथा दिल्ली का मुख्यमंत्री कोई अन्य व्यक्ति बने एवं दूसरा विकल्प यह है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए क्योंकि संविधान के अनुसार अगर कोई सरकार पर संवैधानिक संकट आता है तो उस सरकार को बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की व्यवस्था है। हालांकि अभी तक अरविंद केजरीवाल ने ना ही इस्तीफा दिया है और ना ही आम आदमी पार्टी द्वारा किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री पद पर बैठाने की बात कही गई है लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह साफ तौर पर कह दिया गया है की जेल में रहकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सरकार चलाना असंभव है और अगर जेल में रहकर केजरीवाल सरकार चलाने की कोशिश करते हैं तो यह दिल्ली की जनता के लिए हितकारी नहीं होगा।

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@abhishekgaur6728 | Posted on July 29, 2024

क्या अरविंद केजरीवाल जेल से दिल्ली सरकार चला सकते हैं?
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल चर्चा में है कि क्या वह जेल से दिल्ली सरकार चला सकते हैं या नहीं। इस संदर्भ में विभिन्न विशेषज्ञों और कानूनी जानकारों ने अपनी राय दी है, जो इस प्रकार है:

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कानूनी दृष्टिकोण
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बावजूद, उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने पर कोई कानूनी रोक नहीं है। कानून विशेषज्ञ पीडीटी अचारी के अनुसार, जब तक केजरीवाल दोषी नहीं ठहराए जाते, उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसी तरह, वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि कानून में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है जो किसी मुख्यमंत्री को जेल में रहते हुए सरकार चलाने से रोक सके।

प्रशासनिक चुनौतियाँ
हालांकि, प्रशासनिक दृष्टिकोण से कुछ चुनौतियाँ हैं। मुख्यमंत्री को फैसले लेने, कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता करने और फाइलों का निपटारा करने की आवश्यकता होती है, जो जेल में रहते हुए संभव नहीं हो सकता। इस स्थिति में, दिल्ली सरकार के कामकाज पर असर पड़ सकता है और शासन चलाने के लिए किसी और को यह कार्यभार सौंपना पड़ सकता है।

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उपराज्यपाल की भूमिका

दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए उपराज्यपाल की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। अगर उपराज्यपाल अनुच्छेद 239AB के तहत संवैधानिक मशीनरी की विफलता को वजह बताते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करते हैं, तो दिल्ली सरकार पर केंद्र का नियंत्रण हो सकता है। इस स्थिति में, केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश बताया है और इस पर तमाम विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन जताया है। पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे।

निष्कर्ष
कानूनी रूप से अरविंद केजरीवाल जेल से भी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं, लेकिन प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से यह व्यावहारिक नहीं है। अगर वह जेल में रहते हैं, तो दिल्ली सरकार के कामकाज में व्यवधान आ सकता है और उपराज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति शासन लागू करने की संभावना भी बनी रहती है।

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