आप चंद्रग्रहण के बारें में जानना चाहते हैं, कि चंद्रग्रहण क्यों होता हैं ? सबसे पहले क्या आप जानते हैं, कि ग्रहण पड़ता क्यों हैं, अगर नहीं जानते तो हम आपको बताते हैं, कि ग्रहण पड़ता क्यों हैं ? पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा दोनों के बीच होती हैं,सूर्य और चन्द्रमा अपने स्थान पर घूमते हैं, और साथ ही पृथ्वी के चक्कर भी लगाते हैं | जैसे ही पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा आ जाता हैं, या चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच सूर्य आ जाता हैं, उस समय जिस ग्रह पर भी दूसरे ग्रह की छाया पड़ती हैं, उसको ग्रहण कहते हैं |
एक उदाहरण में समझाते हैं :-
मान लीजिये पृथ्वी सूर्य और चन्द्रमा अपनी गति से घूम रहें हैं, और चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच सूर्य आ गया तो ये "चंद्र ग्रहण " कहलाता है | उसी प्रकार अगर पृथ्वी और सूर्य के बीच चन्द्रमा आ गया तो यह "सूर्य ग्रहण " कहलाता है |
कैसे पता सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण :-
जैसा कि, हिन्दू तिथि के अनुसार 30 दिन 15-15 दिन की तिथि में बंटें हुए है | पहले 15 दिन कि तिथि में एक अमावस्या आती है, और दूसरे 15 दिन की तिथि में पूर्णिमा आती है | अमावस्या की तिथि में लगने वाला ग्रहण "सूर्य ग्रहण" और पूर्णिमा में लगने वाला ग्रहण "चंद्रग्रहण" कहलाता है |
इस बार चंद्रग्रहण 27 जुलाई 2018 को आया है | यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा और इस ग्रहण की ख़ास बात यह है, कि इस तरह का ग्रहण पूरे 104 साल बाद देखने को मिला है | सबसे महत्वपूर्ण एक और बात है, इस चंद्रग्रहण को गुरु पूर्णिमा है |
किन बातों का ध्यान रखें :-
ग्रहण कोई भी परन्तु उसका असर जरूर होता है, अब वो बुरा है या अच्छा ये आपकी राशि पर निर्भर करता है |
- अगर आप गुरु पूर्णिमा की पूजा करते हैं, तो आपको सूतक लगने से पहले ही गुरु पूर्णिमा की पूजा कर लेना चाहिए |
- इस बार चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 2:54 बजे से शुरू होगा और चंद्रग्रहण रात 11:54 से लेकर रात 3:49 तक रहेगा |
- गर्ववती महिलाओं को ग्रहण के समय बहुत सावधानी रखना चाहिए, उन्हें ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं जाना चाहिए, और उस वक़्त हनुमान चालीसा अवश्य पढ़ना चाहिए |
- सूतक लगने से पहले खाने पीने की चीज़ों में तुलसी डालकर रखना चाहिए |
- जब तक ग्रहण हैं, और आप में क्षमता हैं, तो आप खाने या पीने का सेवन न करें तो बेहतर होता हैं, परन्तु वृद्ध और गर्ववती महिला खाने पीने का सेवन कर सकते हैं |
ग्रहण का सबसे ज्यादा असर गर्ववती महिला को ही पड़ता हैं, इसलिए उनको अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए और "ओउम् क्षीरपुत्राय विह्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चंद्र प्रचोदयात् " इस मंत्र का जाप करना चाहिए |
सूर्य ग्रहण के बारें में जानने के लिए इस link पर click करें :-