भारत में दिनोंदिन कोरोना वायरस के नए मरीजों का उत्पन्न होना अब एक आम बात हो गई है हर रोज कई हजार कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की खबर मीडिया में छाई रहती है.
इसी बीच अब मानसून आने वाला है कहा जाता है कि यह वायरस धूप की गर्मी में ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रहता है अब समस्या खड़ी हो रही है कि मानसून के समय में तापमान बहुत कम हो जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में साफ कहा है कि जब तक हमारे पास कोई वैक्सीन या इसका कोई तोड़ नहीं मिल जाता है सोशल डिस्टैसिंग ही इस बीमारी के खिलाफ एक मात्र उपाय है. प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों को यह भी चेताया कि कुछ दिनों में मानसून आने वाला है और मौसमी बीमारियों का भी दौर आएगा इसके लिए हमें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को अभी से और तैयार करना होगा. यानी कि सरकार के पास वायरस से निपटने के लिए कोई भी विकल्प मौजूद नहीं है सरकार के हाथ खड़े ही लग रहे हैं.
तो क्या धूप की गर्मी में मर जाता है वायरस ?
इसका मतलब यह नहीं कि अगर गर्मी है और तापमान 40 से 45 डिग्री के बीच में है तो यह वायरस मर जाएगा इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं है बस खबरें सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं जिस वजह से किसी को यह नहीं पता चल पाता है कि कौन सी खबर सच है कौन सी झूठी.
एक रिपोर्ट मे कहा गया है कि वायरस को जब 60 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर गर्म पानी में उबाली गया तो वह तब भी नहीं मरा.भारत में तापमान 50 से नीचे ही रहता है उससे ज्यादा नहीं हो सकता है.यानी कि अगर 7 डिग्री सेल्सियस तापमान हो भी जाता है वायरस तब भी नहीं मर रहा है यह सिर्फ कहने की ही बातें हैं कि वायरस गर्मियों के मौसम में ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह सकता है.रिपोर्ट में यह कहा गया कि वायरस को जब 90 डिग्री सेल्सियस में उबाला गया तब वह जाकर कहीं नष्ट हुआ. फिर भी नष्ट होने में 2 से 3 मिनट लग गए इस रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि यह वायरस धूप की गर्मी में भी जल्दी नहीं मरता है.अगर मरना भी होगा तो इसके लिए कम से कम 100 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए जबकि इतना तापमान कभी होना असंभव वाली बात है.
