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दोस्तों हम सभी नमाज के बारें में बा खूबी जानते है, लेकिन इस नमाज शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई शायद यह नहीं जानते होंगे। क्योंकि हमने कभी इसे अपनी जरुरत ही नहीं समझा लेकिन आज जो सच्चाई आपको बताने जा रहा हूँ शायद इसके बारें में जानकार आपकी आखें खुली की खुली रह जाएँगी। दोस्तों , बताया अगर हम कहें कि नमाज शब्द की उतपत्ति संस्कृत से हुई है तो आप नहीं मानेंगे लेकिन आज मैं आपको इसके बारें में विस्तार से बताऊंगा।
दोस्तों, विश्व की एक मात्र भाषा है संस्कृत जहां नम शब्द से नमाज़ का अर्थ निकलता है। नम का मतलब संस्कृत में सर झुकाने को कहते हैं और अज वैदिक शब्द है जिसका अर्थ है अजन्मा यानी जिसने दूसरे को जन्म दिया । इस प्रकार नम+अज के संधि से नमाज़ बना जिसका अर्थ हुआ अजन्मे को नमन। इस तरह इस शब्द की उत्पत्ति हुई। इरान जाकर फ़ारसी में यह नमाज़ हो गया। इस्लाम का परिचय भारत में पैगम्बर हज़रत मोहम्मद के जीवनकाल में ही हो गया था।
जिस समय अरब के कारोबारी भारत में आना शुरू किये उस समय यह शब्द तेजी से फैलनें लगा। वहीँ अगर और इस्लामिक देशों की बात करें तो यह शब्द बहुत ही बाद में आया। बताया जाता है कि पहले इसे मुस्लिम सलात बुलाते थे , लेकिन अरब कारोबारियों ने इसे बदलकर नमाज का नाम दिया। इस्लाम की पूजा पद्धति का नाम यूँ तो कुरान में सलात है लेकिन मुसलमान इसे नमाज़ के नाम से जानते और अदा भी करते हैं। नमाज़ शब्द संस्कृत धातु नमस् से बना है। दोस्तों वहीँ बताया जाता है कि संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन भाषा में से एक है।
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